उसका भाई स्कूल गया हुआ था। मंदिर में भगवान की पूजा-अर्चना के बाद फाल्गुनी की मां जब घर लौटी तो उसके होश उड़ गए। फाल्गुनी कमरे में अपनी चुन्नी के फंदे से पंखे पर लटकी हुई थी। इस पर जब उसकी मां चिल्लाई तो मौके पर कॉलोनी के लोग एकत्रित हो गए। साथ ही नगर परिषद से उसके पिता सुनील पुरोहित घर पहुंचे। साथ ही सभापति घर पहुंची। इसके बाद जैसे-तैसे फाल्गुनी को फंदे से नीचे उतारा गया और महात्मा गांधी चिकित्सालय लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन बगैर पोस्टमार्टम के ही शव को अपने घर ले गए।
परीक्षा में कम अंक आने से थी परेशान
खुदकुशी का प्रथम दृष्टया कारण परीक्षा में कम अंक आना बताया गया है। फाल्गुनी एक निजी कॉलेज में कॉमर्स की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। प्रथम वर्ष की परीक्षा में कम अंक आए थे। रिचैकिंग में भी उसके नंबर बढ़ नहीं थे। इस कारण वह परेशान थी।
रात को अच्छी तरह से बातें कर ही थीं फाल्गुनी
सभापति मंजूबाला पुरोहित ने बताया कि सोमवार की रात ग्यारह बजे तक फाल्गुनी घर पर ही थी। अच्छी तरह से बातें भी कर रही थी। इसके अलावा साड़ी की तारीफ भी कर रही थी और हंसकर बातें कर रही थी। फाल्गुनी ऐसा कर लेगी किसी ने सोचा भी नहीं था।