यह हुई थी घोषणा
आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले वागड़ अंचल के स्वतंत्रता सेनानी गोविंद गुरु के नाम पर जनजाति उपयोजना क्षेत्र के पंचायत समिति मुख्यालय पर सामुदायिक भवनों के निर्माण की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री ने राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान डूंगरपुर में की थी। इन भवनों पर करीब 1800 लाख रुपए व्यय किया जाना प्रस्तावित था। इनका निर्माण निकायों में निर्मित अंबेडकर भवनों की तर्ज पर करना था। पांच हजार वर्गफीट क्षेत्र में निर्मित होने वाले प्रत्येक भवन पर 48 लाख रुपए व्यय प्रस्तावित था। निर्माण के बाद भवन का संचालन पंचायत समिति की ओर से करना था।
आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले वागड़ अंचल के स्वतंत्रता सेनानी गोविंद गुरु के नाम पर जनजाति उपयोजना क्षेत्र के पंचायत समिति मुख्यालय पर सामुदायिक भवनों के निर्माण की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री ने राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान डूंगरपुर में की थी। इन भवनों पर करीब 1800 लाख रुपए व्यय किया जाना प्रस्तावित था। इनका निर्माण निकायों में निर्मित अंबेडकर भवनों की तर्ज पर करना था। पांच हजार वर्गफीट क्षेत्र में निर्मित होने वाले प्रत्येक भवन पर 48 लाख रुपए व्यय प्रस्तावित था। निर्माण के बाद भवन का संचालन पंचायत समिति की ओर से करना था।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में की घोषणा : डूंगरपुर में खुलेगा विधि कॉलेज, बांसवाड़ा शहर में बनेगा टाउन हॉल मौखिक आदेश, नहीं हुआ काम!
गोविंद गुरु के नाम पर सामुदायिक भवन निर्माण घोषणा के कुछ दिनों बाद भवन निर्माण की स्वीकृति भी जारी हो गई थी। इसके लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को कार्यकारी एजेंसी बनाया था, लेकिन सरकार बदलने के बाद विभाग के उच्चाधिकारियों के मौखिक आदेश के कारण कार्य ही आरंभ नहीं हो पाया।
गोविंद गुरु के नाम पर सामुदायिक भवन निर्माण घोषणा के कुछ दिनों बाद भवन निर्माण की स्वीकृति भी जारी हो गई थी। इसके लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को कार्यकारी एजेंसी बनाया था, लेकिन सरकार बदलने के बाद विभाग के उच्चाधिकारियों के मौखिक आदेश के कारण कार्य ही आरंभ नहीं हो पाया।
यहां होना था निर्माण
बांसवाड़ा में बांसवाड़ा, आनंदपुरी, तलवाड़ा, छोटी सरवन, गढ़ी, बागीदौरा, घाटोल, कुशलगढ़, सज्जनगढ़, अरथूना व गांगड़तलाई, उदयपुर जिले में कोटड़ा, लसाडिय़ा, सलूम्बर, सराड़ा, खेरवाड़ा, ऋषभदेव, गोगुन्दा, गिर्वा, कुराबड़, झाड़ोल, फलासिया, सायरा, झल्लारा व सेमारी में, डूंगरपुर में डूंगरपुर, सीमलवाड़ा, आसपुर, गलियाकोट, बिछीवाड़ा, सागवाड़ा, चीखली, साबला, झौंथरी, दोवड़ा तथा सिरोही के आबूरोड आदि स्थानों पर इन भवनों का निर्माण होना था।
बांसवाड़ा में बांसवाड़ा, आनंदपुरी, तलवाड़ा, छोटी सरवन, गढ़ी, बागीदौरा, घाटोल, कुशलगढ़, सज्जनगढ़, अरथूना व गांगड़तलाई, उदयपुर जिले में कोटड़ा, लसाडिय़ा, सलूम्बर, सराड़ा, खेरवाड़ा, ऋषभदेव, गोगुन्दा, गिर्वा, कुराबड़, झाड़ोल, फलासिया, सायरा, झल्लारा व सेमारी में, डूंगरपुर में डूंगरपुर, सीमलवाड़ा, आसपुर, गलियाकोट, बिछीवाड़ा, सागवाड़ा, चीखली, साबला, झौंथरी, दोवड़ा तथा सिरोही के आबूरोड आदि स्थानों पर इन भवनों का निर्माण होना था।
महापुरुषों के नाम पर राजनीति
गोविंद गुरु के नाम पर सामुदायिक भवन निर्माण की योजना को फाइलों में बंद करने के बाद बजट में सभी पंचायत समितियों पर अंबेडकर भवन बनाने की घोषणा की गई है। इससे यह जरूर दिखाई दे रहा है कि महापुरुषों के नाम पर राजनीति का क्रम थमा नहीं है।
गोविंद गुरु के नाम पर सामुदायिक भवन निर्माण की योजना को फाइलों में बंद करने के बाद बजट में सभी पंचायत समितियों पर अंबेडकर भवन बनाने की घोषणा की गई है। इससे यह जरूर दिखाई दे रहा है कि महापुरुषों के नाम पर राजनीति का क्रम थमा नहीं है।
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सामुदायिक भवनों का निर्माण कराने के पीछे मंशा यह थी कि जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को सामूहिक कार्यों, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सभाओं एवं अन्य सामाजिक कार्यों के लिए आवश्यक भवन मिल सके। गौरतलब है कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र में संपूर्ण बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, जिला सहित उदयपुर, राजसमंद, सिरोही, चित्तौड़ और पाली जिले का क्षेत्र सम्मिलित हैं।
सामुदायिक भवनों का निर्माण कराने के पीछे मंशा यह थी कि जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को सामूहिक कार्यों, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सभाओं एवं अन्य सामाजिक कार्यों के लिए आवश्यक भवन मिल सके। गौरतलब है कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र में संपूर्ण बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, जिला सहित उदयपुर, राजसमंद, सिरोही, चित्तौड़ और पाली जिले का क्षेत्र सम्मिलित हैं।
अब बनेंगे अंबेडकर भवन
बीते दिनों राज्य के बजट में मुख्यमंत्री ने नगरपालिका और नगर परिषद मुख्यालयों को छोडकऱ शेष सभी पंचायत समिति मुख्यालयों पर अंबेडकर भवन बनाने की घोषणा की है। हालांकि बजट घोषणा के बाद भवन निर्माण संबंधी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी नहीं हुए हैं, लेकिन इससे संविधान निर्माता की स्मृति को चिरस्थायी रखा जा सकेगा।
बीते दिनों राज्य के बजट में मुख्यमंत्री ने नगरपालिका और नगर परिषद मुख्यालयों को छोडकऱ शेष सभी पंचायत समिति मुख्यालयों पर अंबेडकर भवन बनाने की घोषणा की है। हालांकि बजट घोषणा के बाद भवन निर्माण संबंधी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी नहीं हुए हैं, लेकिन इससे संविधान निर्माता की स्मृति को चिरस्थायी रखा जा सकेगा।