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बांसवाड़ा : गांधीगिरी पर उतरे कम्प्यूटर कार्मिक, राहगीरों को पिलाया पानी

locationबांसवाड़ाPublished: Apr 23, 2018 01:22:32 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

महात्मा गांधी चिकित्सालय के बाहर विरोध प्रदर्शन

banswara
बांसवाड़ा. जिला प्रशासन के फरमान के बाद कम्प्यूटर ऑपरेटर कलक्टरी के बाहर धरने पर तो नहीं बैठे, लेकिन गांधीगिरी का रास्ता जरूर अपना लिया। जिसके तहत इन कार्मिकों ने एमजी अस्पताल के बाहर राहगीरों को पानी पिलाकर विरोध जताया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना कप्यूटर कर्मचारी संघ के बैनर तले कम्प्यूटर कार्मिक चार दिनों से बेमियादी हड़ताल पर थे, जिसके तहत ये कार्मिक कलक्ट्री गेट के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन जिला प्रशासन की ओर से इन कार्मिकों को प्रदर्शन न करने का फरमान सुना दिया गया। कार्मिकों ने बताया कि प्रशासन के मना करने के बाद कार्मिकों ने विरोध जताना बंद नहीं किया बल्कि विरोध का तरीका बदल दिया। रविवार से संगठन ने राहगीरों की सेवा करने का फैसला लिया। इसके तहत संगठन के पदाधिकारी और अन्य कार्मिकों ने लोगों को पानी पिलाया। प्रदर्शन को लेकर संगठन के जिला उपाध्यक्ष पुष्पराज सिंह राठौड़ ने बताया कि प्रशासन के मना करने के बाद संगठन ने यह रास्ता अपनाया है। और जबतक सरकार उनकी बात नहीं मान लेती तब तक सभी लोग इस प्रकार विरोध जताते रहेंगे।
कलक्टर के फरमान को संगठनों ने दमनकारी कदम बताया, जताएंगे विरोध
बांसवाड़ा. जिला प्रशासन के कम्प्यूटर ऑपरेटरों को धरने से हटाने के कदम को दमनकारी बताते हुए कई कर्मचारी संगठन एकजुट हो गए हैं। संगठनों के पदाधिकारी सोमवार को जिला कलक्टर ने मिलेंगे और इस मामले में अपना विरोध जताएंगे। एमएनडीवाई कम्प्यूटर कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष प्रशांत आचार्य ने बताया कि शनिवार को जिला प्रशासन की ओर से उन्हें धरना प्रदर्शन करने से रोक दिया गया था। जो हमारे साथ अनैतिक व्यवहार है। जिला प्रशासन के इस दमनकारी रवैये को लेकर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत, राजस्थान नर्सेंज एसोसिएशन, फार्मासिस्ट संगठन आदि विरोध जताएंगे।
यह बोले संगठन के पदाधिकारी
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के जिला अध्यक्ष विक्रम सिंह सांयावत ने बताया कि कार्मिकों को धरने से हटाकर जिला कलक्टर ने प्रजातंत्र पर कुठाराघात किया है। उनके इस रवैये का संगठन पुरजोर तरीके से विरोध करता है। राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रकमचंद मईड़ा का कहना है कि ज्ञापन और धरना ही कार्मिकों के लिए एक मात्र रास्ता है। जिला कलक्टर ने वह भी यह छीन लिया। एसोसिएशन इसका कड़े शब्दों में विरोध करता है। राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ ने राज्य मानवाधिकार आयोग के सचिव को पत्र भेजकर कम्प्यूटर ऑपरेटर्स को धरने के दौरान सुरक्षा देने की मांग की है। वहीं जिला प्रशासन की ओर से मध्यरात्रि में हटवाए गए टैंट और ऑपरेटर्स के कड़ी धूप में बैठकर धरने देने के मामले में जांच की मांग की है। संघ जिलाध्यक्ष सूर्यसिंह झाला ने बताया कि कानून की धमकी देकर ऑपरेटर्स से धरना खत्म कराने की कार्रवाई अलोकतांत्रिक है।
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