यह थी शिकायत
एसीबी डूंगरपुर के उप अधीक्षक गुलाबसिंह ने बताया कि परिवादी गढ़ी थाना क्षेत्र के नगारची वड़ला निवासी वाला पुत्र धुला ने चार अप्रेल को कार्यालय में उपस्थित होकर एक शिकायत दी। इसमें बताया कि उसका लंबे समय से भाइयों के साथ जमीन संबंधी विवाद चल रहा है और इस मामले की एक सितंबर 2017 को थाने में रिपोर्ट भी दर्ज हो चुकी है, जिसमें उसकी पत्नी, नानी व स्कूल में अध्ययनरत उसकी पुत्रियों के भी नाम हैं। इसलिए अब उनके नाम हटवाने की एवज में कांस्टेबल कुसुमकांत पांच हजार रुपयों की मांग कर रहा है। कांस्टेबल एक हजार रुपए पहले ही ले चुका है। अब चार हजार रुपयों की और मांग कर रहा है।
एसीबी डूंगरपुर के उप अधीक्षक गुलाबसिंह ने बताया कि परिवादी गढ़ी थाना क्षेत्र के नगारची वड़ला निवासी वाला पुत्र धुला ने चार अप्रेल को कार्यालय में उपस्थित होकर एक शिकायत दी। इसमें बताया कि उसका लंबे समय से भाइयों के साथ जमीन संबंधी विवाद चल रहा है और इस मामले की एक सितंबर 2017 को थाने में रिपोर्ट भी दर्ज हो चुकी है, जिसमें उसकी पत्नी, नानी व स्कूल में अध्ययनरत उसकी पुत्रियों के भी नाम हैं। इसलिए अब उनके नाम हटवाने की एवज में कांस्टेबल कुसुमकांत पांच हजार रुपयों की मांग कर रहा है। कांस्टेबल एक हजार रुपए पहले ही ले चुका है। अब चार हजार रुपयों की और मांग कर रहा है।
थाने के बाहर दबोचा
इस शिकायत का ब्यूरो ने अगले दिन पांच अप्रेल को सत्यापन कराया। इसमें रिश्वत मांगने की पुष्टि के बाद ब्यूरो की टीम निर्र्धारित समय पर बुधवार को गढ़ी थाने के पास पहुंंच गई जहां चाय की थड़ी पर जैसे ही परिवादी ने रिश्वत राशि कांस्टेबल को दी। ठीक इसके बाद इशारा पाकर ब्यूरो के कार्मिक पहुंच गए और आरोपित वहीं दबोच लिया।
इस शिकायत का ब्यूरो ने अगले दिन पांच अप्रेल को सत्यापन कराया। इसमें रिश्वत मांगने की पुष्टि के बाद ब्यूरो की टीम निर्र्धारित समय पर बुधवार को गढ़ी थाने के पास पहुंंच गई जहां चाय की थड़ी पर जैसे ही परिवादी ने रिश्वत राशि कांस्टेबल को दी। ठीक इसके बाद इशारा पाकर ब्यूरो के कार्मिक पहुंच गए और आरोपित वहीं दबोच लिया।
थड़ी पर घात लगाए बैठी रही एसीबी टीम
कांस्टेबल को रंगे हाथों पकडऩे के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम के सदस्य चाय की थड़ी पर करीब दो-तीन घंटे तक बैठे रहे और एक के बाद एक चाय पीते रहे। इसके बाद जैसे ही परिवादी आया और उसने वहां रुपए लिए तो इशारा पाते ही टीम ने कांस्टेबल को दबोच लिया। ब्यूरो के डिप्टी गुलाब सिंह ने बताया कि कांस्टेबल कुसुमकांत को संभलने का मौका ही नहीं मिला। वह भौचक्का रह गया और इधर-उधर देखने लगा। इसके बाद टीम के सदस्य उसे थाने लेकर गए।
कांस्टेबल को रंगे हाथों पकडऩे के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम के सदस्य चाय की थड़ी पर करीब दो-तीन घंटे तक बैठे रहे और एक के बाद एक चाय पीते रहे। इसके बाद जैसे ही परिवादी आया और उसने वहां रुपए लिए तो इशारा पाते ही टीम ने कांस्टेबल को दबोच लिया। ब्यूरो के डिप्टी गुलाब सिंह ने बताया कि कांस्टेबल कुसुमकांत को संभलने का मौका ही नहीं मिला। वह भौचक्का रह गया और इधर-उधर देखने लगा। इसके बाद टीम के सदस्य उसे थाने लेकर गए।
पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई
वर्ष 2017 में पुलिस के पास पहुंचे परिवाद में पुलिस ने इसमें किसी प्रकार की कार्रवाई की। पुलिस ने पूरे मामले को दबाए रखा। साथ ही बीट प्रभारी लगातार परिवादी पर रुपए देने का दवाब बनाता रहा। साथ ही मामले में उसके परिजनों को फंसाने की धमकी दे रहा था। इससे परिवाद परेशान हो गया था। ब्यूरो के अनुसार बीट प्रभारी जब भी उसके घर के आस-पास जाता तो उसे धमकाता था और हवालात में बंद करने की धमकी भी देता था। इतना ही नहीं पुलिस ने परिवाद में किसी के बयान भी दर्ज नहीं किए थे।
वर्ष 2017 में पुलिस के पास पहुंचे परिवाद में पुलिस ने इसमें किसी प्रकार की कार्रवाई की। पुलिस ने पूरे मामले को दबाए रखा। साथ ही बीट प्रभारी लगातार परिवादी पर रुपए देने का दवाब बनाता रहा। साथ ही मामले में उसके परिजनों को फंसाने की धमकी दे रहा था। इससे परिवाद परेशान हो गया था। ब्यूरो के अनुसार बीट प्रभारी जब भी उसके घर के आस-पास जाता तो उसे धमकाता था और हवालात में बंद करने की धमकी भी देता था। इतना ही नहीं पुलिस ने परिवाद में किसी के बयान भी दर्ज नहीं किए थे।