रविवार को पत्रिका पड़ताल के दौरान सामने आया कि करोड़ों रुपए का बजट और बड़ा कार्य होने के बावजूद निर्माण कार्य चंद मजदूरों के बूते चल रहा है। तीन-चार अलग-अलग ब्लॉक यहां निर्मित किए जा रहे हैं, जिनमें करीब 30 से 40 मजदूर कार्य करते दिखे। विश्वविद्यालय का कार्य बढ़ रहा है। वर्तमान में 115 निजी व राजकीय महाविद्यालय विवि से सम्बद्धता प्राप्त हैं। इस वर्ष स्नातक प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष के साथ ही पीजी पूर्वाद्र्ध व उत्तराद्र्ध सहित अन्य पाठ्यक्रम की परीक्षा का जिम्मा जीजीटीयू पर है। ऐसे में विश्वविद्यालय को गोपनीय शाखा व उत्तरपुस्तिकों के रखरखाव आदि के लिए बड़े परिसर की आवश्यकता बनी हुई है।
यहां अकादमिक भवन एवं अपार्टमेंट का कार्य अप्रेल माह में प्रारंभ होकर छ: माह में पूरा होना था। इसकी लागत 393.00 लाख रुपए है। निर्माण के लिए तय अवधि समाप्त हो चुकी है, लेकिन वर्तमान में यहां नींव के बाद कुछ पिल्लर खड़े किए जा रहे हैं। वहीं कुलपति भवन, परीक्षा नियंत्रक के निर्माण के लिए 1250.00 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसमें से कार्यादेश राशि 767.57 लाख है। यह कार्य फरवरी 2019 में पूरा होना है, लेकिन वर्तमान में यहां चल रहे निर्माण कार्य को देख यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस अवधि तक भवन निर्माण कहां तक पहुंचेंगा।
सीमेंट आपूर्ति एजेंसी की ढिलाई रही है। कार्रवाई प्रारंभ कर दी है उसे बदला जाएगा। वहीं ठेकेदार को भी निर्माण कार्य में तेजी लाने की सख्त हिदायत दी जाएगी। आरएसआरडीसी के स्तर पर भी मॉनीटरिंग को बढ़ाया जाएगा।
-दीपक परिहार, सहायक अभियंता आरएसआरडीसी