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बांसवाड़ा : राज्यमंत्री से बंद कमरें में मिले पार्षद, सभापति और आयुक्त के खिलाफ जताई नाराजगी

पहली बार राज्यमंत्री ने स्वीकारा, सभापति, आयुक्त और कर्मचारियों में तालमेल नहीं, पार्टी कार्यालय में एकत्र हुए भाजपा पार्षद

बांसवाड़ाJun 28, 2018 / 11:52 am

Ashish vajpayee

banswara

बांसवाड़ा : राज्यमंत्री से बंद कमरें में मिले पार्षद, सभापति और आयुक्त के खिलाफ जताई नाराजगी

बांसवाड़ा. नगर परिषद में सभापति मंजूबाला पुरोहित, आयुक्त बीआर सैनी और कर्मचारियों के बीच तालमेल नहीं है। आपसी सामंजस्य नहीं होने से बिगड़ती शहर की व्यवस्था के चलते नगर की जनता के साथ-साथ पार्षदों में भी नाराजगी है। इस बात को बुधवार को पंचायतीराज और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने भी आखिर मान ही लिया। राज्यमंत्री रावत के बार-बार दखल से ही अब तक नगर परिषद में कामकाज को पटरी पर लाने के प्रयास किए जा रहे थे। वहीं सभापति और उप सभापति के बीच लंबे समय से चल रही तनातनी की दीवार बुधवार शाम उस समय और गहरी हो गई, जब आयुक्त बीआर सैनी और सभापति पुरोहित के कामकाज से असंतुष्ट सत्तारूढ़ भाजपा के ही पार्षद देर शाम पंचायतीराज राज्य मंत्री धनसिंह रावत के पास शिकायतों का अंबार लेकर पहुंचे। मंत्री ने इस बात से इनकार किया कि असंतुष्ट पार्षद सभापति को हटाने की मांग को लेकर आए थे।
दोपहर में किए कॉल
सभापति व आयुक्त के प्रति पार्षदों की नाराजगी को लेकर मंत्री से मिलने का तानाबाना पिछले दो-तीन दिनों से बुना जा रहा था। बुधवार दोपहर को असंतुष्ट धड़े से जुड़े एक पार्षद ने अन्य पार्षदों को कॉल किए और शाम पांच बजे भाजपा कार्यालय पहुंचने को कहा। इसके बाद शाम को एक-एक कर पार्षद और कुछ पार्षद पति व पार्टी कार्यालय पहुंचना शुरू हुए। इसके बाद सभी ने बैठक कर मंत्री तक नाराजगी पहुंचाने का निर्णय किया। तीन पार्षद हालांकि इस दौरान नहीं आए।
साढ़े तीन साल से तनातनी
गौरतलब है कि वर्तमान बोर्ड के गठन के बाद से ही सभापति पुरोहित एवं उप सभापति बोहरा के मध्य तनातनी बनी हुई है। कई पार्षदों ने भी उनके वार्डों में विकास कार्य नहीं होने लेकर सभापति के प्रति नाराजगी जताई है। स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर परिषद की फजीहत के बाद यह नाराजगी और बढ़ गई। आयुक्त को हटाने की मांग की आड़ में उन्होंने सभापति के प्रति नाराजगी जताई।
स्वच्छता में हम इसीलिए पिछड़े
राज्यमंत्री रावत ने हाल में घोषित किए स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम पर कहा कि ऐसा होना नहीं चाहिए था। भविष्य में होने वाले सर्वे को लेकर अब हमें सबक लेना चाहिए कि हम लोग वास्तव में पिछड़े हैं तो हमें और अच्छा करने का प्रयास करना चाहिए। कुशलगढ़ हमारे आगे आ गया है तो हम कम से कम कुशलगढ़ से तो बेहतर काम करने का प्रयास करने की जिम्मेदारी नगर परिषद की होनी चाहिए।
‘हमारे काम नहीं हो रहे’
सर्किट हाउस में करीब दो घंटे तक बंद कमरे में चली बैठक में पार्षद गायत्री शर्मा, चंकी शाह, लाभचंद पटेल, नीरज मेहता, सुधा मोरिया, सोनिया वाधवानी, वैशाली शर्मा, फजीला कोटावाला, मनोनीत पार्षद रमेश तेली, श्यामा राणा सहित भाजपा के अली कोटावाला, दिलीप यादव, विजय पंचाल, गौरव शर्मा आदि सम्मिलित हुए। उन्होंने नगर परिषद आयुक्त भोमाराम सैनी और परिषद के कर्मचारियों की शिकायत करते हुए कहा कि उनका कोई काम नहीं होता है। लोगों को जवाब देते नहीं बन रहा है। विकास कार्यों में भेदभाव किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस के पार्षदों के वार्डों में विकास कार्य अधिक हो रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निर्माण की स्वीकृतियां समय पर जारी नहीं हो रही हैं। विकास कार्यों में भी उनके वार्डों की अनदेखी की जा रही है। लोग भी परिषद में चक्कर काटने को मजबूर हैं।
यह बोले राज्यमंत्री
किस मुद्दे पर पार्षद मिलने आए?
रावत: पार्षद दो मुद्दों को लेकर मिलने आए थे। पहला सात जुलाई को प्रधानमंत्री से लाभार्थियों से मुलाकात कराने को लेकर और दूसरा पार्षदों की कुछ परेशानियां थी। आरयूआईडीपी के तहत 14 करोड़ के प्राकृतिक नाले बनाए जा रहे हैं उसमें कुछ समस्या आ रही है। नगर परिषद में सभापति, आयुक्त और कर्मचारियों में तालमेल नहीं होने की बात भी सामने आई है। सभापति अलग जा रही हैं। कर्मचारी अलग जा रहे हैं और आयुक्त अलग जा रहे हैं। इन सभी के मध्य तालमेल बैठाकर नगर का विकास करना है।
परेशानी क्या है?
रावत: आयुक्त से, सभापति से और कर्मचारियों से बातचीत करके बांसवाड़ा के विकास के लिए ठीक काम करें, इसका प्रयास करेंगे। पार्षदों को भरोसा दिया है कि सभापति और आयुक्त को आपके हिसाब से ही चलना है। आयुक्त को हटाने की बात नहीं हुई।
नाराजगी किसके प्रति है?
रावत: नाराजगी किसी के प्रति नहीं है। एक बार तालमेल बैठ जाए तो और बढिय़ा काम करें। चार बजे जानकारी मिली कि पार्षद भाजपा कार्यालय में कुछ समस्याओं को लेकर बैठक करने वाले हैं, तो मैंने कहा कि बैठक कर लो। मेरी आवश्यकता समझो तो मुझे वहां बुला लेना। इस पर वह सामूहिक चर्चा करके मुझसे मिलने आए। आयुक्त और सभापति को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।
क्या यह स्वीकार करते हैं कि तालमेल नहीं है?
रावत: इतना बड़ा घर है तो इसमें कुछ न कुछ होता रहा है। मैं भरोसे के साथ यह कह सकता हूं कि सभापति और उप सभापति मिलकर काम करेंगे।
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