यह था मामला
29 अक्टूबर 2010 की सुबह आठ बजे शहर की भगत सिंह कॉलोनी निवासी कृष्णकांत पुत्र ललिताशंकर जोलाफाल सोगुपरा पर तत्कालीन कुशलगढ़ डिप्टी दिनेश बोहरा को एक रिपोर्ट दी, जिसमें बताया 27 अक्टूबर की शाम 4:15 बजे छींच निवासी पुनीत पुत्र लक्ष्मीनारायण भट्ट व नेहल पुत्र जगदीश शुक्ला मोपेड से निकले। रात्रि को घर नहीं पहुंचे तो इसकी गुमशुगदी की सूचना कलिंजरा थाने पर दी गई। इसके बाद मोपेड़ जोलाफाल नदी किनारे पड़ी मिली। पास में चप्पलेंं और शर्ट। जबकि 29 अक्टूबर को दोनों के शव जोलाफाल में पड़े मिले, जिनकी गर्दन पर धारदार हथियार के निशान थे।
29 अक्टूबर 2010 की सुबह आठ बजे शहर की भगत सिंह कॉलोनी निवासी कृष्णकांत पुत्र ललिताशंकर जोलाफाल सोगुपरा पर तत्कालीन कुशलगढ़ डिप्टी दिनेश बोहरा को एक रिपोर्ट दी, जिसमें बताया 27 अक्टूबर की शाम 4:15 बजे छींच निवासी पुनीत पुत्र लक्ष्मीनारायण भट्ट व नेहल पुत्र जगदीश शुक्ला मोपेड से निकले। रात्रि को घर नहीं पहुंचे तो इसकी गुमशुगदी की सूचना कलिंजरा थाने पर दी गई। इसके बाद मोपेड़ जोलाफाल नदी किनारे पड़ी मिली। पास में चप्पलेंं और शर्ट। जबकि 29 अक्टूबर को दोनों के शव जोलाफाल में पड़े मिले, जिनकी गर्दन पर धारदार हथियार के निशान थे।
विस्थापितों पर हमला, मारपीट कर भगाने का आरोप
बांसवाड़ा. माही कड़ाणा एवं अन्य विस्थापित पुर्नवास समिति की बैठक बुधवार को हुई। इसमें मंगलवार को तोरणा गांव में माही विस्थापितों के साथ स्थानीय लोगों की ओर से ढोल बजाकर एकत्रित होकर तलवार एवं ल_ से हमला बोलकर मारपीट करने का आरोप लगाया है। साथ ही समिति के सदस्यों ने बताया कि विस्थापित अपनी आवंटित भूमि पर कोर्ट के आदेश के तहत राजस्व अधिकारियों ने पटवार मण्डलवार कैम्प जारी कर पुर्नवास के लिए कब्जा सुपुर्द किया। वह भी बगैर जाप्ते के किया। जबकि कोर्ट ने अतिक्रमण करने वालों को बेदखल कर पुनर्वास के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि यहां प्रशासन की ओर से विस्थापितों को गुमराह किया जा रहा है। इससे विस्थापितों में रोष की स्थिति बनी हुई है। इस दौरान समिति के संरक्षक गौतम सहित अन्य कई लोग उपस्थित थे।
बांसवाड़ा. माही कड़ाणा एवं अन्य विस्थापित पुर्नवास समिति की बैठक बुधवार को हुई। इसमें मंगलवार को तोरणा गांव में माही विस्थापितों के साथ स्थानीय लोगों की ओर से ढोल बजाकर एकत्रित होकर तलवार एवं ल_ से हमला बोलकर मारपीट करने का आरोप लगाया है। साथ ही समिति के सदस्यों ने बताया कि विस्थापित अपनी आवंटित भूमि पर कोर्ट के आदेश के तहत राजस्व अधिकारियों ने पटवार मण्डलवार कैम्प जारी कर पुर्नवास के लिए कब्जा सुपुर्द किया। वह भी बगैर जाप्ते के किया। जबकि कोर्ट ने अतिक्रमण करने वालों को बेदखल कर पुनर्वास के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि यहां प्रशासन की ओर से विस्थापितों को गुमराह किया जा रहा है। इससे विस्थापितों में रोष की स्थिति बनी हुई है। इस दौरान समिति के संरक्षक गौतम सहित अन्य कई लोग उपस्थित थे।