पूरा मिलीभगत का खेल
इधर, महिलाओं ने बताया कि इलाके में देसी तथा अंग्रेजी शराब के अड्ड़ो की भरमार है। जो पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से संचालित हैं। स्थानीय पुलिस और आबाकारी से जुड़े कार्मिकों की ओर से हफ्ता लिया जाता हैं। इससे इन शराब के अड्ड़ो को शह मिली हुई है। यही वजह है कि कई बार शिकायतें करने के बाद भी इनको बंद नहीं किया जा रहा है। जबकि कलक्टर से स्थानीय पुलिस को ग्रामीणों की ओर से कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं।
सदर इलाके में शराब के अड्डों की भरमार
इधर, ग्रामीणों का आरोप है कि सदर इलाके में शराब के अवैध अड्डों की भरमार है। जो आज कल से नहीं वरन लंबे समय से संचालित हैं। कुछ लोगों की ओर से तो किराने की दुकानों में भी शराब की बिक्री की जाती है। फिर भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है। कार्रवाई के नाम पर आबकारी विभाग ने भी अपने हाथ खींच रखे हंै।
युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में
महिलाओं ने बताया कि घरों के पास में ही अवैध रूप से बिक्री की जा रही शराब से बड़े लोग तो गिरफ्त में है ही। इनके अलावा युवा पीढ़ी भी इनको देख-देख कर इनकी गिरफ्त में आती जा रही है। शराब के अवैध कारोबार के बारे में अगर एकेला कोई आवाज उठाता है तो कारोबारियों की ओर से मारपीट तक कर दी जाती है। कई प्रकार की धमकियां भी दी जाती है।