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बांसवाड़ा : पिता की मौत के बाद पढ़ाई छूटी, बाल विवाह हो गया, फिर युवक भगा ले गया, अब 13 साल की बालिका के भविष्य पर संकट

locationबांसवाड़ाPublished: May 06, 2019 02:53:16 pm

Submitted by:

deendayal sharma

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बांसवाड़ा : पिता की मौत के बाद पढ़ाई छूटी, बाल विवाह हो गया, फिर युवक भगा ले गया, अब 13 साल की बालिका के भविष्य पर संकट

बांसवाड़ा. पिता की मौत के बाद मां ने जैसे-तैसे भरण पोषण किया। अभी महज 13 साल की उम्र और शादी के बंधन में बांध दिया। शादी को सप्ताह भी नहीं बीता कि कोई अन्य युवक उसे भगा ले गया। परिजनों की गुहार के बाद पुलिस ने उसे युवक के चंगुल से छुड़ा लिया और उसे बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया। अब समिति के सामने सवाल यह है बच्ची का भविष्य कैसे संवरे। इधर नाबालिग की पढ़ाई छूटने और बाल विवाह होने के मामले में एक बार फिर प्रशासनिक लवाजमे की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
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न स्कूल प्रबंधन ने दिया ध्यान और न अन्य महकमों ने निभाया धर्म
नाबालिग के पिता की मौत के बाद उसकी मां ने भरण पोषण का जिम्मा उठाया, लेकिन घर और बाहर के कामों में फंस मां ने घर की जिम्मेदारी बेटी पर डाल दी। सिलसिला कुछ दिन तो चला पर घर की जिम्मेदारियों के बोझ में उसका स्कूल जाना भी छूट गया। ब्लॉक स्तरीय बाल संरक्षण इकाई व ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण इकाई सभी ने इस बात की खैरखबर तक नहीं ली। और तो और विद्यालय प्रबंधन ने बच्ची की पढ़ाई जारी रखने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। नाबालिग का 13 साल की आयु में बाल विवाह भी करा दिया गया लेकिन इस मामले में भी महिला एवं बाल विकास विभाग गहरी नींद में सोता रहा है।
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नाबालिग का भविष्य संवारने में कानूनी पेंच
अब नाबालिग के भविष्य को लेकर कानूनी पेंच फंस गया है। बाल कल्याण समिति सदस्य मधुसूदन व्यास ने बताया कि बच्ची की रजामंदी के बाद ही उसे बालिका गृह में रखा जा सकता है। वरना उसे परिवार के सुपुर्द किया जाएगा। घर में क्या उसका भविष्य संवर पाएगा इसे लेकर संशय है। हालांकि इस दिशा में बाल संरक्षण इकाई से निगरानी रखवाने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही न्यायालय के माध्यम से नाबालिग का विवाह शून्य कराने का प्रयास किया जाएगा।
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