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किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें, मौसम की दोहरी मार से मुरझा उठे चेहरे

locationबांसवाड़ाPublished: Sep 18, 2018 05:09:31 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

www.patrika.com/rajasthan-news/

Banswara
बांसवाड़ा। मौसम की मार झेलती खरीफ की फसलें अब खराबे की कगार पर है। वहीं किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी है। दरअसल, दिन में अधिक तापमान और रात में ओस की नमी से फसलें खराब हो रही है। इसके चलते फसलों में लट व अन्य कीट लहलहाती फसलों को छलनी कर रहे हैं।
मुनाफे की आस में मिली निराशा

सोयाबीन की फसल पर कीट भारी पड़ रहे हैं। जिला मुख्यालय के क्षेत्रों व उपखण्डों के गांवों में भी सोयाबीन की फसल में रोग लग रहा है। कीटों के द्वारा पत्ते खाने से छेद हो रहे हैं। इससे फसलों के पत्ते पूरी तरह छलनी हो गए है। इस इलाके में किसान खरीफ के दौरान सोयाबीन की ज्यादा पैदावार करते हैं। हालांकि मक्का, उड़़द, कपास, अरहर जैसी फसलें भी बोई जाती है। सोयाबीन के दाम अच्छे मिल जाने से इस फसल के उत्पादन में किसान अधिक रुचि दिखाते हैं। फसल खराबे को लेकर किसान खासे चिंतित है।
उत्पादन घटने की बनी आशंका

किसानों का कहना है कि एक पखवाड़े के भीतर क्षेत्र में बारिश नहीं हुई तो सोयाबीन समेत खरीफ की अन्य जिंसों का उत्पादन काफी प्रभावित होगा। एक ओर तो मौसम की मार तथा दूसरी ओर रोग लगने से फसल में दोहरा नुकसान हो रहा है। पानी के अभाव में पौध के मुरझाने से उसकी बढ़ोतरी रुक रही है। शेष कसर को कीट पूरी कर रहे हैं। बांसवाड़ा समेत घाटोल, गढ़ी क्षेत्र में खड़ी सोयाबीन की फसल में इन दिनों कीट लगने से भारी नुकसान हो रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस बार खरीफ की बुवाई शत-प्रतिशत हुई है। इस बार विभाग ने कुल दो लाख 30 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का लक्ष्य रखा था, जो किसानों ने पूरा कर दिया।
खरीफ की फसलों में रोग लगने की शिकायतें मिल रही है। सितम्बर के अंत तक बारिश नहीं हुई तो फसलों के उत्पादन घटने की संभावना है। किसानों को रोग से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। भूरालाल पाटीदार, उप निदेशक (कृषि विस्तार), बांसवाड़ा।

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