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बांसवाड़ा : कोरोना संकट के दौर में संघर्ष, महात्मा गांधी अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन बीमार

CT Scan In Banswara, Coronavirus Update : आउटडोर के रोगियों में सोनोग्राफी के लिए भी भटकाव

बांसवाड़ाApr 01, 2020 / 03:27 pm

deendayal sharma

बांसवाड़ा : कोरोना संकट के दौर में संघर्ष, महात्मा गांधी अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन बीमार

बांसवाड़ा. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए चल रहे संघर्ष के बीच जिला मुख्यालय के महात्मा गांधी चिकित्सालय में दो दिन से सीटी स्केन मशीन खराब होने से जरूरतमंद रोगियों पर संकट आ गया है। इसके लिए यहां आ रहे मरीजों को बाहर से मुंहमांगा चार्ज देकर रिपोर्टिंग करवानी पड़ रही है। इसके अलावा नई व्यवस्थाओं से आउटडोर रोगियों की सोनोग्राफी सुविधा भी प्रभावित है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार यहां सीटी स्केन मशीन रविवार को कार्ड बिगडऩे से काम नहीं कर रही। मशीन की एक्स-रे ट्यूब को सप्लाई देने वाला कार्ड खराब होने से जनरेटर सप्लाई टूटी हुई है। 2005 में लगाई गई इस पुरानी मशीन का कार्ड सूरत, अहमदाबाद या जयपुर में ही उपलब्ध है। वहां कारोबार पूरी तरह बंद होने से नए कार्ड का इंतजाम मुश्किल हो रहा है। यहां औसतन महीने के 400 यानी 10 से 15 मरीजों का सीटी स्केन रियायती दर पर होता है, जिसमें निशुल्क सेवा भी अस्पताल प्रशासन देता रहा है। अब वह पूरी तरह ठप है।
इसके अलावा यहां सोनोग्राफी भी जनता कफ्र्यू लगने के बाद लॉकडाउन के चलते सोनोग्राफी भी केवल भर्ती रोगियों की ही करते हुए आउटडोर के बीमारों को इनकार किया जा रहा है। बहुत जरूरी होने पर ही यहां पीएमओ स्तर से मार्र्किंग पर सोनोग्राफी हो रही है, जबकि आम दिनों में यहां 40-50 रोगियों की सोनोग्राफी होती है। अस्पताल रेकार्ड के अनुसार 22 मार्च से 30 मार्च तक यहां 72 गर्भवती महिलाओं सहित कुल 115 रोगियों यानी 12-12 जनों की सोनोग्राफी ही रोज हुई है। ऐसे में आउडटोर के रोगी बाहर निजी सेंटरों पर सोनोग्राफी करवाने जाने को विवश हैं। पीएमओ डॉ. नंदलाल चरपोटा ने कहा कि सीटी स्केन मशीन खराब होने की जानकारी से दो दिन से प्रयास कर रहे हैं। कार्ड उपलब्ध होते ही मंगवाएंगे। अभी आउटडोर काफी काफी कम है, लिहाजा सोनोग्राफी भर्ती रोगियों की ही हो रही है। व्यवस्था के लिहाज से ऐसा किया है, लेकिन बहुत जरूरी पर पूरी तरह इनकार नहीं है।
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