मामला बांसवाड़ा शहर से प्रवेशित विद्यार्थियों तक उदयपुर में संचालित फर्म से मैसेज पहुंचने से सामने आया है। संदेश में डिस्काउंट आफर बताते हुए डिप्लोमा इन लाइबे्रसी साइंस के नोट्स 1 हजार रुपए में बिक्री के लिए उपलब्ध होना बताया हुआ है। संदेश देने वाले ने अपना पता और मोबाइल नम्बर भी दे रखा है। इस संदेश को लेकर छात्रों ने पूछताछ की और क्षेत्रिय केन्द्र से संपर्क साधा तो संदेह के बादल गहराते गए और यह जांच का विषय बन गया कि आखिर छात्रों से जुड़ा डाटा फर्म तक कैसे पहुंच गया। संदेश में बताए मोबाइल नंबर पर जब पत्रिका रिपोर्टर ने बात की तो उसे भी फोन रिसीवकर्ता ने नोट़्स उपलब्ध करा देने की बात कही।
आसान नहीं पता लगाना
वीएमओयू की वेबसाइट से किसी भी विद्यार्थी का डेटा निकालना सामान्य स्थिति में आसान नहीं है, क्योंकि इसमें नाम तो सर्च किया जा सकता है, लेकिन मोबाइल नम्बर व अन्य जनकारी लेने के लिए जन्म दिनांक अंकित करने पर ही यह डेटा खुलता है। ऐसे में डाटा तीसरे व्यक्ति तक पहुंचने को लेकर छात्रों के साथ क्षेत्रीय केन्द्र भी हैरत में हैं।
हजारों छात्र लेते हैं प्रवेश
वीएमओयू में प्रदेश भर के कई जिलों से प्रतिवर्ष हजारों विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। बांसवाड़ा जिले से भी सैकड़ों विद्यार्थी प्रतिवर्ष अलग-अलग कोर्स में आवेदन करते हैं।व्यक्तिगत लीक होने को लेकर चिंताएं खड़ी हो गई हैं।
हमने कभी नहीं किया संपर्क
विद्यार्थियों ने कहा कि उन्होंने इस पाठ्यक्रम को लेकर कहीं भी अपना नम्बर नहीं दिया और न ही एजेंसी से कोई नोट्स को लेकर कभी संपर्क किया। इसके बाद भी यह मैसेज आने से तो यही लगता है कि विवि से ही डाटा किसी ने एजेंसी को दिया होगा।
हमारे यहां से डाटा लिक नहीं हुआ
हमारे यहां से कोई डाटा लिक नहीं हुआ है। डाटा कहां से लिक हुआ और फर्म तक कैसे पहुंचा इसकी जानकारी नहीं है। विश्व विद्यालय के कुलपति को छात्रों के पास पहुंच रहे संदेश को लेकर अवगत करा दिया है। इस बारे में विवि ही कुछ बता सकता है।
रश्मि बोहरा निदेशक (वीएमओयू ) क्षेत्रीय केन्द्र उदयपुर