बांसवाड़ा : नहरों में जल प्रवाह के 25 दिनों बाद भी वितरिकाओं में नहीं पहुंचा पानी, 1200 बीघा खेत सूखे, किसान चिंतित
Updated: 04 Dec 2019, 02:17:11 PM (IST)
बांसवाड़ा. शहर से महज 5 किमी की दूरी पर स्थित सेमलिया और मोतिरा ग्राम पंचायतों के किसान इन दिनों चिंताग्रस्त हैं। माही विभाग की ओर से नहरों में जल प्रवाह के करीब 25 दिन बाद भी इन गांवों की वितरिका में पानी नहीं पहुंचा है। इसके चलते करीब 1200 बीघा भूमि पर गेहूं और सरसों को पानी का इंतजार है। किसानों के अनुसार करीब 25 दिन पानी की देरी के चलते फसल की पैदावर में डेढ़ माह की देरी हो गई है। किसानों ने बताया कि जो पानी लोधा माइनर से निकलता है, वह पानी खेताडूंगरी गांव तक आकर रुक जाता है। अधिकारी आश्वासन देते रहे हैं कि श्रमिक लगाए हंै, मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा। परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि माही के पानी का इंतजार करते करते थक गए हैं, ऐसे में फसल के लिए कई लोगों ने कागदी नदी पर वाटरपंप लगाया है। जिसका किराया प्रति घंटे 60 रुपए और डीजल का अलग से है।
काश्तकारों का कहना है... किसान सोहनलाल मईड़ा ने बताया कि समय पर पानी नहीं मिलने के कारण अंदेशा है कि इस बार पूरे क्षेत्र में 25 हजार क्वि. उपज का नुकसान किसानों को होना है। क्योंकि 1200 बीघा जमीन में 50 हजार से ज्यादा क्वि. की पैदावर होती है। कृषक विश्वनाथ ने कहा कि हमने कई बार विभाग से आग्रह किया है, लेकिन विभाग में कोई नहीं सुनता है। हमने कहा कि वितरिका की सफाई नहीं हुई है, जीर्ण शीर्ण हो चुकी है, पानी का बिखराव हो रहा है। काश्तकार सवजी भाई का कहना है कि खेत सूखे पड़े हुए हैं। जहां अब तक बुआई हो जानी चाहिए थी, वहां पर खेत पानी के लिए तरस रहे हैं। आखिर हमारी चिंता कौन करेगा।
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