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इस गंभीर बीमारी चपेट में आए बांसवाड़ा के लोग, शहरी क्षेत्र में सताने लगी ज्यादा चिंता

locationबांसवाड़ाPublished: Nov 14, 2019 03:02:53 pm

Submitted by:

dinesh

डायबिटीज यानी मधुमेह ( Diabetes )। यह रोग जिंदगी को बहुत तेजी से जकड़ रहा है। इससे बांसवाड़ा भी अछूता नहीं है। बांसवाड़ा में साढ़े तीन साल (अप्रैल 2016 से अक्टूबर 2019 तक) में 12368 नए मरीज सामने आए हैं।

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बांसवाड़ा। डायबिटीज यानी मधुमेह ( diabetes )। यह रोग जिंदगी को बहुत तेजी से जकड़ रहा है। इससे बांसवाड़ा भी अछूता नहीं है। बांसवाड़ा में साढ़े तीन साल (अप्रैल 2016 से अक्टूबर 2019 तक) में 12368 नए मरीज सामने आए हैं। इस भाग दौड़ भरी जिन्दगी में आम हो चली ये बीमारी लाइलाज बीमारियों में शुमार है। लेकिन फिर भी लोग जाने अंजाने इसकी गिरफ्त में आते ही जा रहे हैं। डायबिटीज को लेकर चिकित्सकों का भी यही मानना है कि अलर्ट रहना ही बेहतर विकल्प है। विशेषज्ञों की मानें तो इस बीमारी का सीधा संबंध दिनचर्या, खानपान और रहनसहन से है। इन पर ध्यान देकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। शायद यही कारण है कि बांसवाड़ा के गांवों के लोग आज भी इसकी चपेट में न के बराबर ही है, लेकिन इसके विपरीत शहर की ओर नजर डालें तो मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ती नजर आती है।
70 फीसदी मरीज शहर से
सीएमएचओ डॉ एचएल ताबियार बताते हैं कि दिनचर्या, रहन-सहन और खानपान में बदलाव के कारण बांसवाड़ा में मधुमेह के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है और इन मरीजों में 60 से 70 फीसदी मरीज शहरी क्षेत्र के हैं। शहरी क्षेत्र में शुगर के बढ़ते प्रकोप के पीछे सिर्फ एक ही कारण है वो है शहरवासियों का बदलती लाइफ स्टाइल। वर्ष 2016-17 में 6 हजार नए मरीज डायबिटीज का सबसे अधिक प्रकोप वर्ष 2016-17 में देखने को मिला। सरकारी आंकड़ों की मानें तो उस वित्तीय वर्ष में 5983 नए मरीज मधुमेह से पीडि़त सामने आए।
ग्रामीण मधुमेह से दूर
जानकारों की मानें तो ग्रामीण अभी भी डायबिटीज सरीखी घातक बीमारी से बचे हुए हैं। इसमें उनकी दिनचर्या और खानपान मददगार बने हुए हैं। शारीरिक श्रम करने और तनावरहित जीवनशैली ही उनके बचाव का कारण है। ऐसे बढ़ रहा मधुमेह वर्ष नए मरीजों की संख्या 2019-20 – 1039 2018-19 – 2562 2017-18 – 2783 2016-17 – 5983 (चिकित्सा विभाग से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर) डायबिटीज के लक्षण बहुत प्यास लगना, बहुत भूख लगना, रात में बार-बार पेशाब आना, बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करना, अचानक वजन का कम होना, अचानक शरीर पर घाव बनना और इसे ठीक होने में समय लगना, त्वचा में रूखापन और खुजली, जननांगों में खुजली, धुंधला दिखाई देना, ज्यादा खाना खाने के बाद भी रोगी का भार कम होना।
डायबिटीज के कारण
– अनुवांशिकता
– खान पान और मोटापा
– ज्यादा शारीरिक श्रम न करना
– मानसिक तनाव और डिप्रेशन
– गर्भावस्था में ज्यादा दवाइयों का सेवन
– ज्यादा चाय, दूध, कोल्ड ड्रिंक्स और चीनी वाले खाने के सेवन
– धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन
इनकी डालें आदत
– हेल्दी खाएं
– शारीरिक मेहनत करें
– वजन कंट्रोल में रखें
– सुबह का टहलना
– कसरत
– नियमित रूप से डॉक्टर से जांच

इनसे बचें
– बिगड़ी दिनचर्या अत्यधिक आरामदायक जीवनशैली
– जंक फूड
– तनाव असंयमित और असमय खानपान
जैसा कि डॉ निलेश परमार ने बताया
फोटो प्रतीकात्मक

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