जानकारी के अनुसार पाली छेाटी के 45 वर्षीय वागजी पुत्र दिता की जहरीले जानवर के काटने से मौत हो गई। इस पर परिजनों और ग्रामीणों ने शव को गांव के पास ही दफना दिया। शव दफनाने की सूचना मिलते ही पाली छोटी निवासी सुमित्रा पत्नी जोरजी मौके पर पहुंची और उक्त जमीन को उसकी खातेदारी की जमीन कह कर हंगामा करने लगी। जिससे उसके बीच और मृतक के परिजनों एवं ग्रामीणों के बीच विवाद बढ़ गया। विवाद होने की सूचना मिलने पर सज्जनगढ़ तहसीलदार गुलाबसिंह और कुशलगढ़ थाना से जाब्ता मौके पर पहुंचा। ग्रामीणों ने बताया कि यह भूमि खातेदारी भूमि नहीं हैं वरन सार्वजनिक उपयोग की है।
जिस पर तहसीलदार ने मौके पर ही जमीन का पट्टा जांच कर खातेदारी भूमि होने की बात ही। वहीं ग्रामीण इस बात पर अड़े रहे कि जमीन सार्वजनिक है। उन्होंने आरोप लगाया कि जमीन का पंजीयन चोरी छूपे करा दिया है जिसको निरस्त किया जाए। उन्होंने बताया कि जमीन 1985 में सार्वजनिक करके धार्मिक स्थल बनाने के लिऐ कुशलगढ़ न्यायालय ने गांव के हित में आदेश दिए थे। इधर खातेदार सुमित्रा ने शव दफनाने एवं खड़ी फसल खुर्दगुर्द करने का आरोप लगा गांव के 50 से अधिक लोगों पर कुशलगढ थाना में मामला दर्ज कराया है।