एसपी ने बताया कि देवकन्या का पति कांतिलाल जबलपुर में काम करता था और उसका बड़ा लडक़ा जलेश कुवैत में था। वह छोटे बेटे विवेक के साथ खांदू कॉलोनी में रह रही थी। ंजलेश और विवेक की शादी नहीं होने से देवकन्या परेशानी रहती थी। करीब एक माह पूर्व आरोपी राकेश पंचाल पुत्र सुखलाल पंचाल देवकन्या के संपर्क में आया। इसी दौरान राकेश के सामने देवकन्या के पास करीब 35-40 तोला सोना एवं जेवरात होने की जानकारी आर्इा। साथ ही यह भी पता चला देवकन्या जेवर गिरवी रखकर रुपए उधार देने का कार्य करती है।
उपअधीक्षक घनश्याम शर्मा ने बताया कि इसके बाद राकेश ने देवकन्या को स्नान कराया और नए वस्त्र लाल साड़ी एवं सभी गहने पहनवाए। तब एक मंत्र बताया जिसका जाप करने के लिए कहा। साथ ही कलश स्थापना कर पूजा शुरू की गई। राकेश ने देवकन्या से पूजा के दौरान आंखें बंद करने की हिदायत दी। पूजा शुरू होते ही कुछ देर बाद राकेश ने देवकन्या के बेटे विवेक से कहा कि पूजा का एक नारियल गेमन पुल पर विसर्जन करना है। उसने विवेक को नारियल देकर पहले घर के पास ही तिराहे पर भेज दिया।
थाना प्रभारी दिलीपदान ने बताया कि इस वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ने कार में विवेक के मोबाइल से समाज के व्हाट्सअप गु्रप में मैसेज कर सभी को गुमराह किया। इसके बाद वह सुबह पांच बजे घर पहुंचा। दूसरे दिन नई कार की सर्विस भी करवाई। आरोपी महिला के पीएम के समय हॉस्पीटल पहुंचा और अंतिम संस्कार के समय भी पहुंचा, लेकिन वारदात स्थल तथा समाज के लोग जब ज्ञापन देने पहुंचे तो वह वहां उपस्थित नहीं था। जबकि इस तरह समाज के कार्यों में उसकी उपस्थिति सबसे ज्यादा होती थी। साथ ही वह सबसे ज्यादा बोलता था, लेकिन इस वारदात के बाद से उसकी सभी गतिविधियां संदिग्ध दिखाई पड़ी।
23 सितंबर को देवकन्या की गला काटकर हत्या कर दी गई। इसकी सूचना पर पति कांतिलाल व बेटा जलेश कुवैत से यहां पहुंचे। इस पूरी वारदात को लेकर कांतिलाल को शक राकेश पंचाल पर गया। पुलिस अधीक्षक कालूराम ने मौका मुआयना करने के लिए पहुंचे तो वहां आलमारी अस्त व्यस्त थी। इसके बाद एसपी ने उसकी पति एवं अन्य परिजनों से पूछताछ की तो पिता ने राकेश पर शंका जाहिर की। इस तरह 25 सितंबर को देवकन्या के अंतिम संस्कार के बाद पुलिस ने राकेश को पूछताछ के लिए बुलाया, जिसने पुलिस के समक्ष कई कहानी रची। साथ ही कुछ के अलग-अलग जगह होने का दावा किया, लेकिन वह पूछताछ में पकड़ा गया। इसके बाद जब पुलिस ने राकेश की पत्नी से पूछताछ की तो उसने राकेश के सुबह पांच बजे घर आने की बात कही। इससे आरोपी का झूठ पकड़ा गया और वह फूट पड़ा व वारदात करना कबूल कर लिया। आरोपी ने वारदात के समय अपना मोबाइल भी बंद रखा, जिससे वह पकड़ में नहीं आए।
पुलिस के अनुसार आरोपी की ओर सेा करीब महीनेभर से भूमिका बनाई जा रही थी। आरोपी हर दिन एक घंटे देवकन्या के घर बैठकर जाता था और कई तरह की बातें भी करता था। वारदात के दिन 24 की शाम को आरोपी देवकन्या से मिलकर गया था। साथ ही कुछ बातेंं भी करके गया था, जिसको पड़ोसियों ने देखा भी था।
एएसपी घनश्याम शर्मा ने बताया आरोपी बदमाश प्रवृत्ति का है। इसके अलावा उसके कई महिलाओं से अवैध संबंध भी रहे हैं। हाल ही वह नई कार भी खरीदकर लाया था। इसके अलावा पूर्व में भी कई बदमाशी कर चुका है। समाज में भी आरोपी की साफ छवि नहीं रही है।
बांसवाड़ा. मां-बेटे की नृशंस हत्या की वारदात को लेकर बुधवार को लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। आक्रेाशित लोगों ने आरोपी राकेश पंचाल के घर पर ईंट-पत्थर बरसाए और कलक्टरी में प्रदर्शन कर एसपी को ज्ञापन देकर आरोपी को फांसी की सजा दिलाने की मांग की। मां के साथ बेटे की भी हत्या का खुलासा होने के साथ ही पंचाल समाज के महिला और पुरुष खांदू कॉलोनी में मृतक और आरोपी के घरों पर एकत्र हो गए। इसके बाद सभी कलक्ट्री पहुंच गए। जहां पुलिस के पक्ष में नारेबाजी करते हुए आरोपी को फांसी दिलाने की मांग रखी।
वारदात का खुलासा होने के साथ ही मोर्चरी पहुंचे विवेक के शव को देख परिजन उखड़ गए और उन्होंने आरोपी के परिवार को समाज से बहिष्कृत करने की मांग रखी। साथ ही आरोपी के भाई हरीश पंचाल को समाज के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए कहा। हरीश नेे बांसवाड़ा चौखरे से समाज को इस्तीफा । इसके बाद मामला शांत हुआ।
हत्याकांड के बाद आरोपी राकेश गायब था, लेकिन उसका भाई कांग्रेस पदाधिकारी हरीश पुलिस की हर तफ्तीश में सहयोग कर रहा था। इसके अलावा समाज की ओर से ज्ञापन देने की प्रक्रिया से लेकर अन्य कार्यों में भी बराबर का सहयोग कर रहा था। हालांकि दोनों के बीच में लंबे समय से बोलचाल की स्थितियां नहीं थी। एसपी रावत जब पीडि़त के घर पहुंचे तब भी आरोपी के भाई की ओर से हर मदद की जा रही थी। इसके अलावा हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी राकेश विवेक के पिता को रतलाम से लाने के लिए अन्य लोगों के साथ गया था। आरोपी के सात भाई ***** हैं। इनमें आरोपी पांचवें नंबर का बताया जा रहा है।
इस वारदात को लेकर पत्रिका ने व्हाट्सएप पर वायरल मैसेज को लेकर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि हत्या को लेकर कई तरह की आशंकाएं खड़ी हो गई है और अलग अलग पहलू सामने आ रहे हैं। यह सवाल उठाया था कि बेटे के मोबाइल पर वायरल संदेश सच है या कुछ और मामला है। घर में मिले पूजा आदि के साक्ष्य का विस्तार से उल्लेख करते हुए यह भी लिखा था कि ये साक्ष्य किसी दूसरी तरफ भी इशारा कर रहे हैं। पुलिस की जांच पड़ताल में यही सच सामने आया कि हत्या बेटे ने नहीें की। तंत्र मंत्र का झांसा देकर तीसरे शख्स ने मां-बेटे को मारा।