दिन में मां और भाई से अच्छी तरह हुई थीं बातें
बेटा जलेश अगले साल कुवैत से बांसवाड़ा आने वाला था, लेकिन मां और भाई की हत्या के बाद उसे पहले आना पड़ा। जलेश के मुाताबिक वह डेढ़ साल बाद कुवैत से लौटा है ,लेकिन मां का मुस्कुराता चेहरा देखने की बजाय उसे मरी हुई मां का मुंह देखने को मिला। अनंत चतुर्दशी पर दिन में मां से अच्छे से बातें हुई थीं। इसके बाद भाई विवेक ने बाजार में गणपति विसर्जन की शोभायात्रा की लाइव तस्वीरें दिखाई और कई वीडियो भेजे थे। लेकिन रात में यह सब हो जाएगा इसका किसी को आभास नहीं था।
बेटा जलेश अगले साल कुवैत से बांसवाड़ा आने वाला था, लेकिन मां और भाई की हत्या के बाद उसे पहले आना पड़ा। जलेश के मुाताबिक वह डेढ़ साल बाद कुवैत से लौटा है ,लेकिन मां का मुस्कुराता चेहरा देखने की बजाय उसे मरी हुई मां का मुंह देखने को मिला। अनंत चतुर्दशी पर दिन में मां से अच्छे से बातें हुई थीं। इसके बाद भाई विवेक ने बाजार में गणपति विसर्जन की शोभायात्रा की लाइव तस्वीरें दिखाई और कई वीडियो भेजे थे। लेकिन रात में यह सब हो जाएगा इसका किसी को आभास नहीं था।
यह थी वारदात
आरोपी राकेश पुत्र सुखलाल ने बेटों कारिश्ता न होने को लेकर परेशान देवकन्या पंचाल और उसके बेटे विवेक को तंत्र मंत्र से समाधान का झांसा दिया और जब वे इसके लिए राजी हो गए तो 23 सितम्बर की रात तंत्र मंत्र में लगाकर पहले देवकन्या की उसके ही घर में धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी और उसके बाद विवेक को उसी रात अपनी कार से गेमन पुल पर ले जाकर माही बैकवाटर में धक् का देकर मार दिया था। वारदात के समय मृतका का पति कांतिलाल जबलपुर था और बड़ा बेटा जलेश कुवैत में रोजगाररत था।
आरोपी राकेश पुत्र सुखलाल ने बेटों कारिश्ता न होने को लेकर परेशान देवकन्या पंचाल और उसके बेटे विवेक को तंत्र मंत्र से समाधान का झांसा दिया और जब वे इसके लिए राजी हो गए तो 23 सितम्बर की रात तंत्र मंत्र में लगाकर पहले देवकन्या की उसके ही घर में धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी और उसके बाद विवेक को उसी रात अपनी कार से गेमन पुल पर ले जाकर माही बैकवाटर में धक् का देकर मार दिया था। वारदात के समय मृतका का पति कांतिलाल जबलपुर था और बड़ा बेटा जलेश कुवैत में रोजगाररत था।