सीआई दिलीपदान ने बताया कि देवकन्या और विवेक को मारने के बाद आरोपी ने अपने खून से सने हुए कपडे वहीं गेमन पुल पर खोले और फाडकऱ फेंक दिए। इसके बाद आरोपी नेकर तथा बनियान में घर पहुंचा था। आरोपी राकेश पंचाल ने वारदात के समय काले रंग का पेंट तथा गुलाबी रंग जैसी टी शर्ट पहन रखी थी। इससे खून के धब्बे रात को विवेक को दिखाई नहीं दिए। इसके अलावा राकेश पर विवेक को पूरा भरोसा भी था। इसलिए उसने ऐसा कुछ सोचा भी नहीं था। आरोपी ने पूजा की प्रक्रिया के दौरान दोनों मौन को रहने के लिए कहा था। साथ ही दोनों को पूजा के दौरान मन ही मंत्र मंत्र उच्चारण के लिए कहा। साथ ही कभी वह देवकन्या के पास तो कभी विवेक पास घूमता। इस तरह करीब आधे घंट तक करने के बाद आरोपी ने विवेक को तिराहे पर भेज दिया। इसके बाद देवकन्या को मार दिया। साथ ही विवेक से रास्ते में मोबाइल भी ले लिया और उससे कहा कि मन में मंत्र बोलते रहो। जब तक क्रिया पूरी नहीं हो जाती किसी का फोन आए तो बात नहीं करनी है।
बांसवाड़ा. कड़ा कानून होने के बावजूद अंधविश्वास के चलते महिलाओं को डायन जैसे शब्दों से प्रताडि़त करने के वाकये सामने आते रहे हैं। पुलिस ने इस बुराई पर लगाम के लिए निगरानी बढ़ा दी है और पिछले दिनों एक महिला को डायन के उपचार के नाम पर भोपे के पास ले जाने से रुकवाया और पाबंद करने की कार्रवाई। पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत ने बताया कि कुछ दिन पूर्व खमेरा थाना इलाके से अंधविश्वास के शिकार पन्द्रह-बीस लोग एक महिला को झालोद लेकर जा रहे थे। इसकी सूचना एक ग्रामीण ने उन्हें दी। साथ ही ग्रामीण ने एक बस का नंबर भी दिया। इस सूचना के आधार पर उन्होंने कुशलगढ़ थाना प्रभारी को फोन कर नाकाबंदी करवाई और जब बस पहुंची तो घाटोल की सवारियोंं को चिन्हित कर पुलिस थाने लेकर आई। जहां सभी को पाबंद करने के साथ ही घर छुड़वाने की व्यवस्था करवाई। ये ग्रगमीण डायन के अंधविश्वास में महिला को वहां उपचार के लिए वहां ले जा रहे थे।