बांसवाड़ाPublished: Oct 17, 2023 10:48:38 am
Kirti Verma
चुनाव आते ही राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता टिकट की दौड़ में सम्मिलित होते हैं। कई बार टिकट नहीं मिलने पर बगावती तेवर दिखाते हुए चुनाव मैदान में निर्दलीय भी खड़े हो जाते हैं, किंतु बांसवाड़ा में मतदाताओं को निर्दलीय प्रत्याशी रास नहीं आते हैं।
बांसवाड़ा. चुनाव आते ही राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता टिकट की दौड़ में सम्मिलित होते हैं। कई बार टिकट नहीं मिलने पर बगावती तेवर दिखाते हुए चुनाव मैदान में निर्दलीय भी खड़े हो जाते हैं, किंतु बांसवाड़ा में मतदाताओं को निर्दलीय प्रत्याशी रास नहीं आते हैं। बीते चार चुनाव के आंकड़ों को देखें तो मात्र दो निर्दलीय ही सदन में पहुंचे, जिन्होंने सत्तारूढ़ दल को समर्थन दिया। चुनाव में कई प्रत्याशी ऐसे भी होते हैं, जो निर्दलीय चुनाव लड़कर अपना चुनावी भाग्य आजमाते हैं। कई सफल होते हैं तो कइयों को हार झेलनी पड़ती है। राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में सरकार के गठन में महत्वपूर्ण दारोमदार निर्दलीय पर होता है। निर्दलीय के समर्थन पर सदन में बहुमत साबित कर पाने पर ही सरकार बन पाती है।