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सीधी भर्तियां बनी टेढ़ी : वोटों के लिए बेरोजगारों से खेल गई सरकार, लाखों अभ्यर्थी कर रहे सिर्फ परीक्षा परिणामों का इंतजार

locationबांसवाड़ाPublished: Feb 18, 2019 02:30:47 pm

Submitted by:

deendayal sharma

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सीधी भर्तियां बनी टेढ़ी : वोटों के लिए बेरोजगारों से खेल गई सरकार, लाखों अभ्यर्थी कर रहे सिर्फ परीक्षा परिणामों का इंतजार

बांसवाड़ा. प्रदेश में बेरोजगारों के लिए निकाली गई सीधी भर्तियां टेढ़ी बनी हुई है। गत सरकार ने चुनाव से कुछ माह पहले बड़ी संख्या में सरकारी नौकरियों के लिए भर्तियां निकालीं। परीक्षाएं आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से करवाई गईं। पर, कई की न तो आंसर-की जारी की गई न ही परिणाम आया। देवस्थान विभाग की ओर से पांच वर्ष पूर्व निकाली गई भर्ती का तो अता-पता ही नहीं है। देवस्थान विभाग की ओर से 25 वर्ष बाद वर्ष 2013 में निकली गई सीधी भर्ती का परीक्षा के पांच वर्ष बीतने के बाद भी परिणाम जारी नहीं होने से अभ्यर्थी निराश हैं। विभाग की ओर से 13 अक्टूबर 2013 को विज्ञापन जारी कर तीन संवर्गों में 65 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे, जिसमें 8792 अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था। इसके बाद 2 फरवरी 2014 को मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय सहित 21 केन्द्रों पर यह परीक्षा हुई। बस, इसके बाद प्रारंभ हुआ परिणाम का इंतजार जो आज तक खत्म नहीं हुआ है। इस बीच सरकार भी बदली। पर, अभ्यार्थियों के भाग्य का पिटारा नहीं खुला। अभ्यर्थी असमंजस में हैं कि भर्ती का आखिर हुआ क्या ? परिणाम आएगा भी या नहीं ? आएगा तो कब ? इन सवालों का जवाब उन्हें नहीं मिल रहा है। देवस्थान विभाग उदयपुर के आयुक्त कृष्ण कुणाल ने बताया कि विभाग की ओर से निकाली गई भर्ती एवं परिणाम अब तक जारी नहीं किया जाने का पूरा विषय ध्यान में है। कार्रवाई चल रही है।
अटकी हुई हैं ये भर्तियां : परिणाम का लाखों अभ्यर्थियों को है इंतजार
एलडीसी 2018
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से एलडीसी भर्ती परीक्षा-2018 चार चरणों में करवाई गई। 12 अगस्त 2018 से शुरू हुई परीक्षा 16 सितम्बर तक चली। प्रदेश के 16 जिलों में परीक्षा के कुल 985 परीक्षा केंद्र बनाए गए। कुल 13 लाख 85 हजार 711 अभ्यर्थी परीक्षा के लिए पंजीकृत थे। कुल 11,255 पदों के लिए यह भर्ती परीक्षा ली गई थी।
प्रधानाध्यापक भर्ती परीक्षा
सीनियर सैकण्डरी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के लिए भर्ती परीक्षा 2 सितम्बर को 2018 हुई थी। इसमें कार्यरत शिक्षकों ने परीक्षा दी थी। प्रदेश में कुल 1200 पदों के लिए यह परीक्षा हुई थी। आरपीएससी ने यह भर्ती परीक्षा करवाई थी।
जेल प्रहरी भर्ती-2018
जेल प्रहरी-2018 में 600 पदों के लिए तीन माह पहले भर्ती परीक्षा ली गई थी। इसमें प्रदेशभर से लाखों अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी अभ्यर्थी परिणाम का इंतजार कर रहे हैं।
द्वितीय श्रेणी शिक्षक
आरपीएससी ने विस चुनाव की आचार संहिता के दौरान ही द्वितीय श्रेणी शिक्षक के पदों के लिए भर्ती परीक्षा करवाई। प्रदेशभर में कुल नौ हजार पदों के लिए करीब नौ लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। यह भर्ती परीक्षा 28 अक्टूबर से 2 नवंबर तक हुई। इनमें से दो दिन दो अलग-अलग ग्रुपों में सामान्य ज्ञान की परीक्षा हुई। जबकि बाकी दिन विषयवार परीक्षा हुई थी।
इनमें भर्तियों में नियुक्ति बाकी
पशुधन सहायक भर्ती परीक्षा का परिणाम तो जारी कर दिया, मगर अभ्यर्थी अब नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। वहीं पीटीआई भर्ती परीक्षा का भी कुछ दिन पहले परिणाम जारी किया गया गया है, मगर अभी नियुक्ति होना बाकी है।
एडमिट कार्ड भी ‘चल बसा’
आवेदक दीनबुध ठाकुर ने कहा कि लम्बे समय से इंतजार चल रहा है, लेकिन परिणाम को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं मिल रही है। कई अभ्यर्थी ओवरएज हो चुके हैं, जिनकी उम्मीदें इस परीक्षा के परिणाम पर टिकी हैं। परिणाम के इंतजार में एडमिट कार्ड भी अब तो जर्जरहाल होकर ‘चल बसा’ है। टुकड़े जोड़ कर रखे हैं कि कभी परिणाम आएगा तो रोल नम्बर देखने के काम आएगा। सरकार को परिणाम को लेकर भर्ती बोर्ड को निर्देश देने चाहिएं।
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