scriptबांसवाड़ा नगर परिषद चुनाव : क्यों जनता ने काटा भाजपा का पत्ता, क्यों कांग्रेस को सौंपी शहर की सत्ता… क्या रहेगी उम्मीदें… | Expectations of public from the congress after victory in Banswara | Patrika News

बांसवाड़ा नगर परिषद चुनाव : क्यों जनता ने काटा भाजपा का पत्ता, क्यों कांग्रेस को सौंपी शहर की सत्ता… क्या रहेगी उम्मीदें…

locationबांसवाड़ाPublished: Nov 20, 2019 01:45:17 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

banswara city council election 2019, rajasthan municipal election 2019 : जनता की उम्मीदों का भार, लानी होगी बदलाव की बयार

बांसवाड़ा नगर परिषद चुनाव : क्यों जनता ने काटा भाजपा का पत्ता, क्यों कांग्रेस को सौंपी शहर की सत्ता... क्या रहेगी उम्मीदें...

बांसवाड़ा नगर परिषद चुनाव : क्यों जनता ने काटा भाजपा का पत्ता, क्यों कांग्रेस को सौंपी शहर की सत्ता… क्या रहेगी उम्मीदें…

बांसवाड़ा. बांसवाड़ा के मतदाताओं ने कांगे्रस को शहर की सत्ता सौंपी है। अब आम जनता भी उम्मीदों को पूरा करने की जिम्मेदारी कांग्रेस पर है। ऐसे में कांग्रेस बोर्ड को कम समय में ही शहर में बदलाव की बयार दिखानी होगी। कई ऐसे कार्य हैं, जिन्हें प्राथमिकता से नए बोर्ड को पूरा करना होगा।
01. स्वच्छता और सुंदर शहर : – पिछले बोर्ड में अक्सर भाजपा पार्षदों को डूंगरपुर का उदाहरण देकर कहा जाता था कि हमारे बांसवाड़ा में कुछ नहीं हो रहा है। चारों ओर गंदगी पसरी हुई है। ऐसे में जनता की उम्मीदें है कि इस दिशा में नया बोर्ड कदम उठाएगा।
02. जर्जर पड़े पार्कों का कायाकल्प : – शहर के सभी पार्क जर्जर हालत में है। जनता की उम्मीद है कि नया बोर्ड पार्कों का विकास करेगी और बच्चों के खेलने लायक बनाएगी। कुछ उद्यानों की जमीन पर अतिक्रमण भी है, उसे भी हटाएगी।
03. कागदी नाला को पर्यटक स्थल बनाना : – शहर से गुजर रहे कागदी नालों को पर्यटक स्थल का रूप देना। हालांकि कांग्रेस के पिछले बोर्ड के कार्यकाल में विचार हुआ था। इस बार कांग्रेस का बोर्ड, ऐसे में जनता को उम्मीद है कि इस दिशा में कुछ होगा।
04. आधारभूत सुविधाएं : – आधारभूत सुविधाओं में सडक़ें, रोड लाइटें आदि का नियमित संचालन हो। ताकि आम जनता को सडक़ों और अंधेरे के कारण कभी ये न कहना पड़े कि नगर परिषद नकारा है।
05. घर की सुध : – नए बोर्ड को नगर परिषद की सुध भी लेनी होगी। आय के स्रोत नहीं के बराबर हैं। सरकार से चुंगी की एवज में मिलने वाली राशि कार्मिकों के वेतन में खर्च हो रही है। राजस्व प्रभाग में अधिकारियों के पद भी खाली है, जिससे वसूली रुकी पड़ी है।
नगर परिषद बांसवाड़ा में कांग्रेस की जीत के कारण : – सभापति पद के उम्मीदवार को चुनाव पहले ही घोषित करना। पांच साल भाजपा बोर्ड की कमियों को उजागर किया। कांग्रेस सरकार होने के फायदों का गणित समझाया। जीताऊ और टिकाऊ का चयन कर मैदान में उतारा। तमाम गुटबाजी छोडकऱ बड़े नेताओं ने मोर्चा संभाला।
नगर परिषद बांसवाड़ा में भाजपा की हार के कारण : – पांच साल का कार्यकाल गुटबाजी में निकला, पार्टी पार्षदों में गुट बने रहे।शहर के विकास को लेकर कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं होना।टिकट वितरण में कमियां रही। जीताऊ और टिकाऊ को टिकट नहीं देना भारी पड़ा। बागी उम्मीदवारों ने वोट काटे, जहां जीत की संभावनाएं थी, वहां पर खत्म हुई।शहरी सौन्दर्यीकरण सहित आधारभूत विकास के काम नहीं हुए।
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