शूवैक में गैराज एवं ऑटो मोबाइल के कारखाने हैं, जिन पर काम करने वाले ज्यादातर भारतीय ही हैं। इनमें भी बांसवाड़ा डूंगरपुर के लोगों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में इनकी धरपकड़ से यहां परिवार के सदस्यों में बैचेनी बढ़ गई है। प्रथम दिन चार सौ लोगों को पकड़ा गया है और यह क्रम जारी है।
इसलिए धरपकड़
जानकारों के अनुसार सिविल आईडी नहीं होने तथा एकामा कहीं का और कार्य कहीं और करने वालों को उठाया गया है। इसके अलाव कुछ खादिम वीजा वाले लोग भी है। पकड़े गए लोगों में जिनके पास सही आईडी होगा उन्हें वहां काम करने दिया जाएगा और अगर सही वीजा एवं दस्तावेज नहीं मिलते हैँ तो उन्हें वापस भारत भेजने की प्रक्रिया होगी।
जानकारों के अनुसार सिविल आईडी नहीं होने तथा एकामा कहीं का और कार्य कहीं और करने वालों को उठाया गया है। इसके अलाव कुछ खादिम वीजा वाले लोग भी है। पकड़े गए लोगों में जिनके पास सही आईडी होगा उन्हें वहां काम करने दिया जाएगा और अगर सही वीजा एवं दस्तावेज नहीं मिलते हैँ तो उन्हें वापस भारत भेजने की प्रक्रिया होगी।