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बांसवाड़ा : बाजार में मिल रहा समर्थन मूल्य से अधिक भाव, इसलिए खरीद केंद्रों पर सोयाबीन बेचने नहीं आ रहे किसान

locationबांसवाड़ाPublished: Nov 12, 2019 04:10:19 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

soybeans in banswara : समर्थन मूल्य से दूर किसान, खरीद केंद्रों पर पसरा सन्नाटा, बाजार व खुले में मिल रहा अधिक भाव, सडक़ किनारे हो रहा व्यापार

बांसवाड़ा : बाजार में मिल रहा समर्थन मूल्य से अधिक भाव, इसलिए खरीद केंद्रों पर सोयाबीन बेचने नहीं आ रहे किसान

बांसवाड़ा : बाजार में मिल रहा समर्थन मूल्य से अधिक भाव, इसलिए खरीद केंद्रों पर सोयाबीन बेचने नहीं आ रहे किसान

बांसवाड़ा. जिले में किसानों की खरीफ जिंस को समर्थन मूल्य पर खरीद करने के लिए लगाए केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है। कटाई के बाद से विशेष रूप से सोयाबीन का भाव बाजार में अधिक मिलने से किसान खरीद केंद्रों पर नहीं आ रहे हैं, जिससे यहां एक दाना भी खरीदा नहीं जा सका है। तीन नवंबर से शुरू खरीद केन्द्रों पर किसान आ ही नहीं रहे हैं। खरीफ जिंस की खरीद तीन माह तक की जानी है, लेकिन पूरे माह माल नहीं आया तो केंद्र बंद होने की नौबत भी आ जाएगी। जिला मुख्यालय पर राजफेड की ओर से दो खरीद केन्द्र बनाए हैं। एक कृषि उपज मण्डी प्रांगण में तथा दूसरा बागीदौरा में खोला है, लेकिन दोनों ही केन्द्रों पर अभी तक एक दाना भी खरीद नहीं हो सका है। ऐसे में केन्द्र पर तैनात कार्मिक भी हाथ पर हाथ धरे बैठे-बैठे किसानों का इंतजार करने में ही दिनभर बिता रहे हैं। कृषि उपज मण्डी परिसर के खरीद केन्द्र पर कार्मिकों के प्रयासों से दो किसानों ने तथा बागीदौरा पर 27 किसानों ने पंजीयन कराया, लेकिन वे भी अपनी जिंस को लेकर नहीं आए। जिससे केन्द्र पर सारे उपकरण व संसाधन शो-पीस बने हुए हैं।
बाजार के दाम अधिक : – सूत्रों के अनुसार खरीद केन्द्र के समर्थन मूल्य से सोयाबीन के दाम बाजार में किसानों को अधिक मिल रहे हैं। समर्थन मूल्य 3710 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है, जबकि बाजार में सोयाबीन के दाम 3800 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं। बाजार में छनाई, नमी, कटे, अधपके, सिकड़े आदि दानों की समस्या भी नहीं है। किसान बारदाने में जैसा माल भरकर ला रहे हैं, सीधे ही तुलाई कर व्यापारी खरीद रहे हैं। दूसरी ओर खरीद केन्द्र पर माल की गुणवत्ता परखी जाती है। जिसमें नम, कटे व अधपके एवं सिकुड़े दाने होने पर सोयाबीन को खरीद से इनकार कर दिया जाता है। यदि खरीद हो भी जाए तो हाथोंहाथ माल के पैसे नहीं मिलते। चेक के माध्यम से किसान के खाते में भुगतान जैसी परेशानियों से बचते हुए किसान सीधा माल बाजार में ले जा रहे हैं तो कई व्यापारी किसानों के घरों से ही माल खरीद रहे हैं। इस मामले में क्रय विक्रय सहकारी समति बांसवाड़ा के मुख्य व्यवस्थापक परेश पंड्या ने बताया कि बारिश से फसल खराब होने से उत्पादन कम हुआ है। माल में भी नमी, अधपका, सिकुड़े दाने आदि की शिकायत भी है। सोयाबीन के दाम इस बार समर्थन मूल्य से अधिक बाजार में मिल रहे हैं। जिससे किसान कांटों पर नहीं आ रहे हैं।
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