प्रशिक्षण से बढ़ रहा अनुसरण
कृषि विभाग के अनुसार जिले में किसानों को जैविक व केंचुए के खाद का इस्तेमाल सब्जियों आदि की फसलों के उत्पादन में करने के लिए लगातार प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। विभाग के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में 50-50 किसानों के 50 ग्रुप बनाकर हर किसान को प्रायोगिक तौर पर ही सही, एक-एक एकड़ भूमि में जैविक व केंचुआ खाद का उपयोग कर सब्जियां उपजाने के लिए प्रेरित किया गया। इससे कम लागत में अधिक उत्पादन के साथ गुणवत्ता की सब्जियां उपजने लगी और प्रयोगधर्मी किसानों का फायदा देखकर दूसरे काश्तकार अनुसरण कर रहे हैं।
कृषि विभाग के अनुसार जिले में किसानों को जैविक व केंचुए के खाद का इस्तेमाल सब्जियों आदि की फसलों के उत्पादन में करने के लिए लगातार प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। विभाग के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में 50-50 किसानों के 50 ग्रुप बनाकर हर किसान को प्रायोगिक तौर पर ही सही, एक-एक एकड़ भूमि में जैविक व केंचुआ खाद का उपयोग कर सब्जियां उपजाने के लिए प्रेरित किया गया। इससे कम लागत में अधिक उत्पादन के साथ गुणवत्ता की सब्जियां उपजने लगी और प्रयोगधर्मी किसानों का फायदा देखकर दूसरे काश्तकार अनुसरण कर रहे हैं।
रासायनिक खाद से परहेज
जैविक खेती के माध्यम से जिन किसानों ने शुरू कर दिया है, वे रासायनिक खाद से पूरी तरह परहेज करने लगे हैं। किसानों का कहना है कि उनकी अच्छी पैदावार की मांग बढ़ रही है। ऐसे में अब आगे और बुवाई का क्षेत्र बढ़ाकर उत्पादन में इजाफा करेंगे।
जैविक खेती के माध्यम से जिन किसानों ने शुरू कर दिया है, वे रासायनिक खाद से पूरी तरह परहेज करने लगे हैं। किसानों का कहना है कि उनकी अच्छी पैदावार की मांग बढ़ रही है। ऐसे में अब आगे और बुवाई का क्षेत्र बढ़ाकर उत्पादन में इजाफा करेंगे।
पशुधन को भी मिल रहा बढ़ावा
जैविक खाद के प्रयोग से पशुधन भी बढ़ रहा है। पशुओं से दूध से आमदनी के साथ गोबर के देसी खाद से उपजाऊ भूमि में पैदावार बढऩे से किसानों को दोहरा लाभ मिल रहा है। कई लोग गोबर गैस प्लांट लगाकर भी चूल्हे, रोशनी का इंतजाम भी इसी से कर रहे हैं।
जैविक खाद के प्रयोग से पशुधन भी बढ़ रहा है। पशुओं से दूध से आमदनी के साथ गोबर के देसी खाद से उपजाऊ भूमि में पैदावार बढऩे से किसानों को दोहरा लाभ मिल रहा है। कई लोग गोबर गैस प्लांट लगाकर भी चूल्हे, रोशनी का इंतजाम भी इसी से कर रहे हैं।
मिल रहे हैं कई फायदे
जैविक खेती से किसानों को बेहतर उत्पादित सब्जियों व अन्य फसलों की उपज की बिक्री भी आसानी से हो रही है। भूमि का उपजाऊपन बढऩे और कम खर्च में गोबर और केंचुए के खाद की मात्रा बढ़ाने के लिए गांवों में पशुपालन में इजाफा हो रहा है।
बीएल पाटीदार, उप निदेशक कृषि विस्तार बांसवाड़ा
जैविक खेती से किसानों को बेहतर उत्पादित सब्जियों व अन्य फसलों की उपज की बिक्री भी आसानी से हो रही है। भूमि का उपजाऊपन बढऩे और कम खर्च में गोबर और केंचुए के खाद की मात्रा बढ़ाने के लिए गांवों में पशुपालन में इजाफा हो रहा है।
बीएल पाटीदार, उप निदेशक कृषि विस्तार बांसवाड़ा