बांसवाड़ा

बांसवाड़ा : जिले में खाद आपूर्ति की बिगड़ी व्यवस्था, मजबूर किसानों की कोई नहीं सुन रहा व्यथा

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बांसवाड़ाDec 23, 2018 / 12:28 pm

Ramkaran Katariya

बांसवाड़ा : जिले में खाद आपूर्ति की बिगड़ी व्यवस्था, मजबूर किसानों की कोई नहीं सुन रहा व्यथा

बांसवाड़ा. जिले में रबी की फसलों के लिए यूरिया खाद को लेकर कृषि विभाग के खाद आपूर्ति की प्लानिंग फेल हो गई है। मांग और आपूर्ति में संतुलन नहीं बैठ पाने से कई लेम्प्स पर व्यवस्था बिगड़ रही है। दरअसल, यूरिया खाद की सप्लाई का सिस्टम ही पटरी पर नहीं आ पा रहा है। उत्पादक कंपनियों से क्रय-विक्रय सहकारी समितियां खाद प्राप्त कर लेम्प्स को उपलब्ध कराती है। गुणवत्ता, दाम आदि व्यवस्थाओं पर नियंत्रण व मांग के अनुरूप आपूर्ति कराने की जिम्मेदारी कृषि विभाग की है, जिसने रबी बुवाई के दौरान तैयारी तो की, लेकिन वह दिसंबर तक आते-आते पसर गई। कृषि अधिकारियों का कहना है कि जिले में मांग के अनुसार खाद की पूर्ति कराई जा रही है, लेकिन हकीकत यह है कि पूरे सीजन के लिए 20 हजार मैट्रिक टन खाद की आवश्यकता थी। इसमें दिसंबर में 7 हजार एमटी यूरिया आना था। महीना खत्म होने को है और अब तक 5 हजार एमटी की ही आपूर्ति हुई है। इन दिनों उदयपुर तथा चित्तौड़ की रेक के अलावा कंपनियों से सीधे आपूर्ति लेकर व्यवस्था बनाने के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन दर्जनों लेम्प्स से शिकायतें बनी हुई है। खाद की किल्लत और अधिक राशि लेने के हालात पर पत्रिका टीम ने ग्राउण्ड रिपोर्ट जानी तो अलग-अलग हालात नजर आए।
लेम्प्सों में खाद किल्लत, लटके ताले
घाटोल. उपखण्ड के कई लेम्पस में खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। खाद नहीं होने से लेम्पस पर ताले भी लगे हुए है। शनिवार को साढ़े दस बजे ठीकरिया चन्द्रावत लेम्पस पर ताला लटका दिखा। बाहर किसान खड़े थे। बात करने पर बताया कि एक बोरी के 280 रुपए लिए जा रहे हैं। हालांकि अभी लेम्प्स में खाद नहीं है। सरेड़ी बड़ी. कस्बे सहित क्षेत्र के लेम्प्स में कमी के चलते किसान मजबूरी के चलते बाजार से खाद खरीदने को मजबूर हैं। सरेड़ी बड़ी में पिछले शनिवार के बाद खाद नहीं आया है। व्यवस्थापक ने बताया कि अब तक 2100 बैग खाद वितरित किया जा चुका है और सोमवार तक खाद की सम्भावना है। खेड़ा लेम्प्स में भी खाद की वर्तमान आवश्यकता पूरी हो चुकी है फिर भी सोमवार तक गाड़ी आने की व्यवस्था कर दी गई है। लेम्प्स अध्यक्ष योगेश भट्ट ने बताया कि 2-4 दिनों में पर्याप्त मात्रा में खाद की आपूर्ति करवा दी जाएगी। साकरिया लेम्प्स में तो गांव के एक भाग में तो माही का पानी नहीं आने से लोगों का लिया हुआ खाद भी पड़ा है। वहीं राठडिया, बजवाना, भीमसोर, भीमपुर सहित लगभग सभी लेम्प्स ने आगे अपनी डिमांड भेजी हुई है और 1-2 दिन में आने की सम्भावना भी जता रहे हैं। लेम्प्स में खाद के अभाव में बाजार में व्यापारी 350 रुपए से भी ज्यादा कीमत में बेचकर लाभ उठा रहे हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में यूरिया खाद की कमी के चलते कालाबाजारियों की पौ-बारह है। कई व्यापारी भी लेम्प्स में खाद की कमी को देखते हुए मनमाने दामों पर खाद बेच रहे हैं। फसल के लिए खाद की आवश्यकता को देखते हुए किसान भी अधिक दाम देकर खाद खरीदने को मजबूर हैं।
मेतवाला लेम्प्स में पांच दिन से नहीं यूरिया
पालोदा. पिछले पांच दिनों से यूरिया नहीं होने से मेतवाला व कोटड़ा पंचायत के बाई का गड़ा, धूलजी का गड़ा, कोटड़ा बड़ा व छोटा, नदियादा छोटा व बड़ा सहित दर्जनभर गांवों के किसानों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। व्यवस्थापक भारतेंद्रसिंह सिसोदिया ने बताया कि पिछली बार यूरिया की एक गाड़ी आई थी, जो किसानों को बांट दी, लेकिन पांच दिन से उनके पास यूरिया नहीं है। ऐसे में किसानों को जवाब देना भारी पड़ गया है। पालोदा लेम्प्स में शुक्रवार दोपहर खाद खत्म हो गया। व्यवस्थापक गजराजसिंह चौहान ने बताया कि अब पालोदा लेम्प्स में लसाड़ा व आसोड़ा पंचायतें के करिब एक हजार पांच किसान हैं जिन्हें खाद दिया है। आगे और मांग की है। किसानों को परेशानी नहीं हो, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। आंबापुरा. अधिकांश लेम्प्स में खाद नहीं है। व्यवस्थापकों का कहना है कि मांग भेज रखी है। अभी खाद आया नहीं है।
560 बैग खाद आया और गोदाम खाली
उमराई/तलवाड़ा. तलवाड़ा लेम्प्स में 560 बैग खाद की ट्रक आते देख काश्तकारों को भीड़ लग गई। व्यवस्थापक गजेन्द्र चौबीसा ने बताया कि तलवाड़ा लेम्प्स में आपूर्ति हो रही है, लेकिन कमी भी लग रही है। उमराई व्यवस्थापक लालशंकर कटारा ने बताया कि एडवांस देने पर भी खाद् उपलब्ध नहीं हो रहा है। अभी गोदाम खाली पड़ा है। गामड़ी व्यवस्थापक कपिल जोशी ने बताया कि 100 बैग गोदाम में है। पांच हजार की मांग है, लेकिन तीन हजार कट्टे ही उपलब्ध होने से परेशानी हो रही है। घलकिया गोदाम में 250 बैग पड़े है। डिमांड के अनुसार खाद उपलब्ध नहीं हो रहा है।
अरथूना. लेम्प्स में दो दिन तक का खाद बचा है। खाद की मांग पिछले 8 दिनों से भेजी है। सीजन में 3000 बेग खाद किसानों को बांटा जा चुका है। जौलाना. लेम्प्स में गुरुवार को 670 कट्टे यूरिया आया था। वह एक ही दिन में खत्म हो गया। समीपवर्ती नाहली, टामटिया राठौड़, रैयाना, ओड़वाड़ा, आमजा लेम्प्स में यूरिया खाद नहीं है। लोहारिया. लोहारिया लेम्प्स में खाद नहीं है। किसानों के अनुसार बुवाई विलंब से हुई है। चार-पांच दिन में खाद नहीं आने पर फसल को नुकसान होने की आशंका है। लेम्प्स के अनुसार खाद की डिमांड कर रखी है। परतापुर: गढ़ी उपखण्ड के 35 समितियों में से पांच में ज्यादा कमी है। हालांकि अभी खाद आना जारी है।
रामगढ़ लेम्प्स भवन के बाहर बंधी हैं भैंस
कुशलगढ़. कुशलगढ़ क्षेत्र में संचालित 13 सहकारी समितियों में से सात सहकारी समितियों के पास खाद विक्रय करने का लाइसेंस नही है। जिनके पास लाइसेंस है, उनके प्रबंधक खाद लाने में रुचि नहीं रख रहे हैं। इससे किसान बाजार से खाद खरीदने को मजबूर हैं। शनिवार को कई लेम्प्स बंद मिले। रामगढ़ में लेम्प्स द्वार के पास ही भैसें बंधी थी और आसपास गंदगी फैली थी। व्यवस्थापक रणजीतसिंह ने कहा कि भैंसों के हटवाने को लेकर संबंधित से कहा, लेकिन इन्हें यहीं बांधा जा रहा है। अब संबंधित के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जायेगा। कुशलगढ़ लेम्पस पर भी ताले लटके थे। प्रबधंक मदनसिंह चुण्डावत ने बताया कि खाद के लिए मांग भेजी है, लेकिन आगे से आपूर्ति नहीं होने से किसानों को खाद नहीं दे पा रहे हैं। उपखंड में एक ही छोटी सरवा लेम्प्स में एक गाड़ी खाद आया था। जो खत्म हो गया। यहां 270 के बजाय प्रति कट्टा 330 से 340 रुपए देकर दुकानों से खरीदा जा रहा है।
तीन माह बाद भी आपूर्ति नहीं
सज्जनगढ़. सज्जनगढ़ क्षेत्र में फ सल बुवाई के बाद किसान खाद के लिए भटक रहे हैं। कई किसान बाजार में अधिक दाम में खाद खरीदने को मजबूर हैं। सहकारी समितियों में माह सितम्बर से खाद नहीं है। खाद की जरूरत को लेकर समितियों ने उसी समय मांग भी भेज दी थी, लेकिन अब कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सज्जनगढ़, खुन्दनी हाला, डूंगरा छोटा, कसारवाड़ी, हिम्मतगढ़, जालिमपुरा, ताम्बेसरा की समितियों में करीब तीस हजार एमटी खाद की जरूरत बताई जा रही है। व्यवस्थापकों का कहना है कि रोजाना किसान खाद के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन उपलब्ध नहीं होने से मायूस लौट रहे हैं। व्यवस्थापकों ने बताया कि खाद के लिए चार से पाच बार पत्र भी भेजे हैं। लेम्प्स अध्यक्ष गुलाबजी कलाल, ओंकार डामोर आदि ने बताया कि खाद नहीं मिलने से किसान आक्रोशित हैं। समय पर खाद नहीं मिलने से फसल खराबे की भी आशंका है। खेड़ा: लेम्प्स में खाद की आवश्यकता पूरी हो चुकी है। फिर भी सोमवार तक गाड़ी आने की व्यवस्था कर दी गई है।
अधिकारी बोले
जिले में बुवाई के आंकड़ों के आधार पर दिसंबर में सात हजार मैट्रिक टन यूरिया खाद की जरूरत के मुकाबले पांच हजार एमटी खाद आ चुका है करीब दो हजार मैट्रिक टन खाद की सप्लाई के लिए चित्तौडगढ़़, उदयपुर के अलावा सीधे उत्पादक कंपनियों से गाडिय़ां मंगाई जा रही है। एक-दो दिन में मांग की पूरी पूर्ति हो जाएगी।
बीएल पाटीदार, उप निदेशक, कृषि विस्तार बांसवाड़ा

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