
बांसवाड़ा. बांसवाड़ा रेंज के वन क्षेत्र में गर्मी बढऩे के साथ ही आग लगने की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आए दिन रेंज के अधीन वनक्षेत्र में आग लगने की घटनाओं के चलते जहां वनोपज को नुकसान पहुंच रहा है, वहीं संसाधनविहीन होने के कारण फील्ड में वन विभागीय कर्मचारी भी बेबस नजर आ रहे हैं। अंकलेश्वर-समाईमाता वन क्षेत्र में सोमवार शाम को लगी आग पर 24 घंटे बाद काबू पााया जा सका।
रेंज के अंकलेश्वर-समाईमाता की पहाडिय़ों में सोमवार शाम करीब पांच बजे आग लगी। हवा चलने से आग फैल गई और इसने काफी हैक्येटर क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। इससे छोटे-छोटे जीव-जंतु तो आग की चपेट में आए ही, सूखे पेड़, झाडिय़ां भी जलकर राख हो गई। अंधेरा घिरने के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका और पहाड़ी सुलगती रही।
काफी विस्तृत है वनक्षेत्र
करीब 31 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में फैली बांसवाड़ा रेंज के तहत समाईमाता, भंडारिया, अंकलेश्वर, कड़ेलिया में बड़ी संख्या में पेड़-पौधे हैं। यह क्षेत्र 830 हैक्टेयर में फैला है, जिसमें दो ग्राम पंचायत के साथ ही नगर परिषद का क्षेत्र भी आता है। गर्मी में आग लगने के बाद इस पर नियंत्रण के लिए आवश्यक संसाधनों व स्टाफ की कमी भी खलती है।
रात को नहीं पहुंचे वनकर्मी
रातभर सुलगती पहाडिय़ों के बाद मंगलवार सुबह पत्रिका टीम मौके पर पहुंची तो क्षेत्रवासियों ने बताया कि रात्रि में कोई भी वनकर्मी नहीं पहुंचा। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर जैसे-तैसे कर आग को अपने रहवास क्षेत्र के समीप तक आने से रोका। हालांकि मंगलवार को वनकार्मिक मौके पर पहुंचे। दमकल को भी बुलाया, लेकिन दमकल पहाड़ी क्षेत्र में भीतर नहीं जा पाई। इधर, सहायक वनपाल कालूराम कटारा ने बताया कि आग लगने की इत्तला पर वनपाल फरीद खान, वनकर्मी दूदजी, वन सुरक्षा प्रबंधन समिति सदस्य मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के सहयोग से शाम करीब पांच बजे आग पर काबू पाया।
Published on:
02 May 2018 01:22 pm
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