राशन डीलर ने इन्हें खोला तो एक के बाद एक कई कट्टों से बड़े-बड़े पत्थर निकले, जब इनका वजन किया गया तो कोई 5 तो कोई 8 किलोग्राम का था। करीब 15 कट्टों में गेहंू के साथ पन्द्रह से लेकर बीस किलोग्राम तक के पत्थर मिले। एक-एक कट्टे में 15 से 20 किलो तक गेहंू कम मिला। सूचना पर ग्रामीण भी मौके पर एकत्र हो गए और राशन डीलर जीतमल ताबियार ने रसद अधिकारियों को सूचना दी। डीलर के पास पहुंचे गेहंू में करीब सवा दो क्ंिवटल गेहंू कम निकला।
पहले कम वजन की शिकायतें
एफसीआई की ओर से डीलरों तक पहुंचने वाले गेहंू में कम वजन की शिकायतें पूर्व में कई बार सामने आई हैं। साथ ही खराब गेहंू, कंकर व कचरा अधिक होने जैसे भी मामले उजागर होते रहे हैं, लेकिन 15-20 किलो वजनी पत्थर निकलने का संभवत: यह पहला मामला है।
एफसीआई की ओर से डीलरों तक पहुंचने वाले गेहंू में कम वजन की शिकायतें पूर्व में कई बार सामने आई हैं। साथ ही खराब गेहंू, कंकर व कचरा अधिक होने जैसे भी मामले उजागर होते रहे हैं, लेकिन 15-20 किलो वजनी पत्थर निकलने का संभवत: यह पहला मामला है।
अचरज व संदेह, जांच में होगा खुलासा
50 किलो के गेहंू के कट्टे में 15 से 20 किलो पत्थर वह भी बड़े आकार निकलना अचरज व संदेह भरा रहा। बड़े आकार का पत्थर होने के बाद भी किसी को पता नहंी चला। किसान से गेहंू खरीदी के समय तोलने से लेकर एफसीआई के गोदाम तक पहुंचना और फिर वहां से एजेंसी और फिर डीलर की दुकान। ऐसे में कई हाथों से यह कट्टे गुजरे। किसी ने शिकायत नहीं की और न पकड़ में आया। मिलीभगत हुई या कुछ मजदूरों ने अपने स्तर पर गड़बड़ी कर दी। या फिर कुछ ओर यह जांच का विषय है।
50 किलो के गेहंू के कट्टे में 15 से 20 किलो पत्थर वह भी बड़े आकार निकलना अचरज व संदेह भरा रहा। बड़े आकार का पत्थर होने के बाद भी किसी को पता नहंी चला। किसान से गेहंू खरीदी के समय तोलने से लेकर एफसीआई के गोदाम तक पहुंचना और फिर वहां से एजेंसी और फिर डीलर की दुकान। ऐसे में कई हाथों से यह कट्टे गुजरे। किसी ने शिकायत नहीं की और न पकड़ में आया। मिलीभगत हुई या कुछ मजदूरों ने अपने स्तर पर गड़बड़ी कर दी। या फिर कुछ ओर यह जांच का विषय है।
सूचना मिली है
गेहंू के कट्टों में पत्थर निकलने की शिकायत मिली है। एफसीआई के अधिकारियों को अवगत कराया है। किसी स्तर से गड़बड़ी हुई अभी पता नहीं है।
हजारीलाल आलोरिया, डीएसओ, बांसवाड़ा
गेहंू के कट्टों में पत्थर निकलने की शिकायत मिली है। एफसीआई के अधिकारियों को अवगत कराया है। किसी स्तर से गड़बड़ी हुई अभी पता नहीं है।
हजारीलाल आलोरिया, डीएसओ, बांसवाड़ा