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बांसवाड़ा में यह धातु की गणेश प्रतिमाएं, देती है पर्यावरण और जल संरक्षण का पैगाम…

locationबांसवाड़ाPublished: Sep 04, 2019 03:47:02 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

– Ganesh Mahotsav In Banswara
– पर्यावरण और जल संरक्षण का संदेश दे रही धातु निर्मित गणेश प्रतिमाएं- कई युवा मंडल कर रहे स्थापना

बांसवाड़ा में यह धातु की गणेश प्रतिमाएं, देती है पर्यावरण और जल संरक्षण का पैगाम...

बांसवाड़ा में यह धातु की गणेश प्रतिमाएं, देती है पर्यावरण और जल संरक्षण का पैगाम…

बांसवाड़ा. बांसवाड़ा में मुंबई की तर्ज पर गणेशोत्सव की धूम वर्षों से मच रही है। तीन दशक से अधिक के सफर में त्रयंबकेश्वर शिवालय से आरंभ गणेश महोत्सव अब पूरे जिले में मनाया जाने लगा है और गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक इसकी धूम मची रहती है। इसी धूम के बीच जिला मुख्यालय सहित कई गांवों में ऐसे गणेश मंडल भी हैं, जिन्होंने कई वर्ष पहले ही पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए धातु निर्मित प्रतिमाओं की स्थापना की शुरुआत की जो अब समय के साथ विस्तारित होती जा रही है। बांसवाड़ा में गणेशोत्सव की शुरुआत के साथ ही प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। समय के साथ इनकी संख्या में वृद्धि भी हो रही है। पहले बांसवाड़ा शहर में स्थापित होने वाली गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कागदी पिकअप वियर पर होता था, लेकिन कागदी से जलापूर्ति के बाद विसर्जन स्थान बदलकर डायलाब कर दिया गया। प्रतिमाओं की संख्या बढऩे के बीच ही कुछ समाजों और गणेश मंडलों ने नवाचार किया और धातु की प्रतिमा की स्थापना की।
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दस दिन पूजन, फिर वापसी
बीते वर्षों की तरह इस बार भी शहर में कई स्थानों पर धातु की गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। इन प्रतिमाओं का दस दिन तक विधानपूर्वक पूजन-अर्चन किया जाएगा। अनंत चतुर्दशी की शोभायात्रा में सम्मिलित होने के बाद इन प्रतिमाओं की विसर्जन स्थल पर पूजा की जाएगी और प्रतीकात्मक विसर्जन के बाद मंडल पदाधिकारी इन प्रतिमाओं को वापस ले आएंगे।
समय की आवश्यकता
धातु की प्रतिमाओं की स्थापना के पीछे मंडल पदाधिकारियों का कहना है कि इससे प्रतिवर्ष प्रतिमा पर होने वाला व्यय बचा है और इको फ्रेंडली गणेशोत्सव का संदेश भी संवहित हुआ है। यह समय की आवश्यकता है और आने वाले वर्षों में अन्य मंडलों को भी इसकी पहल करनी चाहिए।
यहां की है स्थापना
इस बार भी शहर में कई जगह धातु की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। त्रयंबकेश्वर शिवालय के अतिरिक्त मोड़मेवाड़ा कलाल समाज की ओर से पांच वर्ष से, भावसार समाज नई आबादी की ओर से 12 वर्ष से, बड़ा गणेश नवयुवक मंडल की ओर से 10 वर्ष से, खांदू कॉलोनी में भी करीब 15 वर्ष से, पंच कंसारा समाज की ओर से 14 वर्ष से बाबा बस्ती में आठ वर्ष से धातु की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं।
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