बीते वर्षों की तरह इस बार भी शहर में कई स्थानों पर धातु की गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। इन प्रतिमाओं का दस दिन तक विधानपूर्वक पूजन-अर्चन किया जाएगा। अनंत चतुर्दशी की शोभायात्रा में सम्मिलित होने के बाद इन प्रतिमाओं की विसर्जन स्थल पर पूजा की जाएगी और प्रतीकात्मक विसर्जन के बाद मंडल पदाधिकारी इन प्रतिमाओं को वापस ले आएंगे।
धातु की प्रतिमाओं की स्थापना के पीछे मंडल पदाधिकारियों का कहना है कि इससे प्रतिवर्ष प्रतिमा पर होने वाला व्यय बचा है और इको फ्रेंडली गणेशोत्सव का संदेश भी संवहित हुआ है। यह समय की आवश्यकता है और आने वाले वर्षों में अन्य मंडलों को भी इसकी पहल करनी चाहिए।
इस बार भी शहर में कई जगह धातु की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। त्रयंबकेश्वर शिवालय के अतिरिक्त मोड़मेवाड़ा कलाल समाज की ओर से पांच वर्ष से, भावसार समाज नई आबादी की ओर से 12 वर्ष से, बड़ा गणेश नवयुवक मंडल की ओर से 10 वर्ष से, खांदू कॉलोनी में भी करीब 15 वर्ष से, पंच कंसारा समाज की ओर से 14 वर्ष से बाबा बस्ती में आठ वर्ष से धातु की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं।