तब पुलिस ने लाठियां भांजकर ग्रामीणों को खदेड़ा। पथराव में दो पुलिस कार्मिक घायल हो गए। पुलिस ने युवती सहित आठ जनों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा 60-70 जनों के खिलाफ राजकार्य में बांधा पहुंचाने तथा सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रकरण दर्ज किया है।
अम्बापुरा में मुख्यमंत्री यात्रा के दौरान मामा बालेश्वर दयाल की पोती बताने वाली प्राची दीक्षित खुद के साथ मारपीट के प्रकरण में निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर बुधवार दोपहर करीब ड़ेढ बजे अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंची।
वहां पहुंचते ही प्राची एवं ग्रामीणों ने थाने का मुख्यद्वार बंद कर दिया और किसी को भी आने-जाने नहीं दिया। दरवाजे के आगे बैठकर नारेबाजी करने लग गए। इस पर थाने के एक एएसआई ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने।
ग्रामीणों के उग्र प्रदर्शन को देख एएसआई ने यह सूचना बांसवाड़ा ड्यूटी पर तैनात थाना प्रभारी नागेन्द्र सिंह को दी। सिंह अम्बापुरा थाने पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन इसी दौरान माहौल गरमा गया और ग्रामीणों ने पथराव कर दिया तो पुलिस ने बल प्रयोग कर तितर बितर किया।
थाना प्रभारी नागेन्द्र सिंह ने बताया कि पथराव में थाने के कांस्टेबल खोमचंद तथा प्रभुलाल के चोट आई हैं, जिनका उपचार करवाया गया। थाने की कुछ खिड़कियों के शीशे पथराव में फूट गए और कुछ गमले क्षतिग्रस्त हुए। उल्लेखनीय है कि प्राची ने जांच की मांग को लेकर पिछले दिनो अनशन भी किया था।
ये थी ग्रामीणों की शिकायत
ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस प्राची व उसके साथियों के साथ मारपीट की न तो निष्पक्ष जांच की जा रही है और न ही प्रकरण दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जबकि इस मामले को कई दिन गुजर गए हैं।
ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस प्राची व उसके साथियों के साथ मारपीट की न तो निष्पक्ष जांच की जा रही है और न ही प्रकरण दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जबकि इस मामले को कई दिन गुजर गए हैं।