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बांसवाड़ा

गेमन पुल पर पुलिस की गाड़ी से उतरकर माही नदी में कूदने वाली युवती का केस दिल्ली पहुंचा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजी रिपोर्ट

– National Human Rights Commission
– गत दिनों परिजनों ने भी की थी कार्रवाई की मांग- 24 दिसम्बर 2018 की रात 1 बजे की घटना

बांसवाड़ाSep 20, 2019 / 05:17 pm

Varun Bhatt

गेमन पुल पर पुलिस की गाड़ी से उतरकर माही नदी में कूदने वाली युवती का केस दिल्ली पहुंचा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजी रिपोर्ट

गेमन पुल पर पुलिस की गाड़ी से उतरकर माही नदी में कूदने वाली युवती का केस दिल्ली पहुंचा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजी रिपोर्ट

बांसवाड़ा. गत वर्ष पुलिस अभिरक्षा के दौरान गेमन पुल से युवती के कूद जाने और कुछ दिनों बाद उसकी लाश बरामद होने के मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली तक पहुंच गई हैं। जानकारों के अनुसार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली ने करीब नौ बिंदुओं पर जिला प्रशासन एवं पुलिस से अगस्त 2019 में जानकारी मांगी थी। इसमें एफआईआर की कॉपी से लेकर मेडिकल जांच रिपोर्ट, अरेस्ट मीमो, जांच रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट, सीडी, जीडी रिपोर्ट सहित अन्य जानकारियां मांगी गई थी। इनमें एक-दो रिपोर्ट शेष जानकारी भेज दी गई हैं।
पुलिस ने यह बताया था मामला
आसपुर निवासी यशप्रिया (21) पुत्री यशवंत वैष्णव की नवंबर में गुमशुदगी दर्ज हुई। पुलिस ने हैदराबाद से यशप्रिया को राजबहादुर के पास से दस्तयाब किया। 23 दिसंबर की रात पुलिस हैदराबाद से पुलिस निकली तो साथ में राजबहादुर उसके पिता तथा रिश्तेदार प्रदीप सिंह साथ में थे। 24 दिसंबर की रात करीब एक बजे गेमनपुल पहुंचे, जहां यशप्रिया ने उल्टियां का बहाना किया और वाहन से उतरने के बाद महिला कांस्टेबल को धक्का देकर पानी में कूद गई। कांस्टेबल प्रदीप सिंह को नीचे उतारकर युवती को बचाने का प्रयास किया, लेकिन रस्सी छोटी पड़ गई। इसके बाद वह नीचे में पानी में कूदा लेकिन सफल नहीं हुआ। परिजनों ने इस घटनाक्रम को लेकर संदेह व्यक्त किया और षड्यंत्र बताया।
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हाल ही परिजनों ने गिरफ्तारी की रखी थी मांग
इस प्रकरण को लेकर हाल ही परिजनों ने कार्रवाई की मांग को लेकर एसपी के समक्ष एक परिवाद भी सौंपा। परिवाद में परिजनों का आरोप है कि युवती की हत्या के बाद मिथ्या कहानी बनाई गई है। परिजनों का आरोप है कि राजबहादुर सिंह की पुलिस में रिश्तेदारी होने की वजह से उक्त वारदात आंबापुरा में ही की कई। जबकि यशप्रिया ने रास्ते में ऐसी कोई हरकत नहीं की। तीन दिनों तक उसका शव पानी में पड़ा रहने के बाद भी फूला एवं सड़ा गला नहीं। इसके अलावा भी परिजनों ने कई आरोप लगाए हैं।
इनका कहना है…
यह प्रकरण चल रहा है। मानवाधिकार आयोग ने रिपोर्ट भी मांगी हैं। प्रकरण की क्या स्थिति है। इसे दिखवाया जाएगा।
आशीष गुप्ता, कलक्टर, बांसवाड़ा

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