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मानव तस्करों से मुक्त कराई बालिकाओं की होगी घर वापसी

locationबांसवाड़ाPublished: Aug 02, 2022 05:33:55 pm

Girls freed from human traffickers will return home केरल के कोझिकोड में रेलवे पुलिस की ओर से मानव तस्करों के कब्जे से गत 26 जुलाई को बांसवाड़ा जिले की मुक्त कराई बारह बालिकाओं के जल्द अपने घर पहुंचने की संभावना बन गई है। यह सभी बालिकाएं अभी कोझिकोड की बालिका केन्द्र में सुरक्षित है।

मानव तस्करों से मुक्त कराई बालिकाओं की होगी घर वापसी

मानव तस्करों से मुक्त कराई बालिकाओं की होगी घर वापसी

Girls freed from human traffickers will return home सज्जनगढ़ क्षेत्र से गई बच्चियों को रेल से उतारने के मामले में जिला प्रशासन हरकत में आया है। राजस्थान पत्रिका में सोमवार के अंक में पुलिसिया गफलत या रौब शीर्षक से प्रकाशित समाचार के बाद जिला कलक्टर प्रकाश चन्द्र शर्मा ने बांसवाड़ा सीडब्ल्यूसी से समूचे मामले की जानकारी ली और कार्रवाई के निर्देश् दिए। समूचे मामले की पड़ताल में घटनाक्रम मानव तस्करी से जुड़ा होना आया है। पुलिस ने प्रकरण में दो कथित संरक्षक लोकेश व श्यामलाल को केरल में गिरफ्तार कर लिया है।
इधर,जिला कलक्टर के निर्देश के बाद बाल कल्याण समिति बांसवाड़ा लगातार कोझिकोड बाल कल्याण समिति से संपर्क में है। बाल कल्याण समिति कोझिकोड ने बालिकाओं को मेडिकल के बाद जुवाइनल पुलिस टीम के साथ बाल कल्याण समिति, बांसवाड़ा ले जाकर सौंपने के आदेश दिए हैं।
बच्चियों से आने के बाद करेंगे बातचीत
जिला कलक्टर प्रकाशचंद्र शर्मा ने बताया कि बालिकाओं को कोझिकोड के रेलवे स्टेशन पर उतार लेने और अभिभावकों के साथ होेने पर भी छह दिन तक बाल कल्याण समिति के संरक्षण में रखने का मामला राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित होने के बाद बांसवाड़ा सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष से बातचीत की। उन्होंने बताया कि कोझिकोड की सीडब्ल्यूसी से सतत संपर्क रखने के निर्देश दिए हैं। बच्चियों के बांसवाड़ा पहुंचने के बाद उनसे बातचीत कर पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे।
बांसवाड़ा भेजी आदेश की प्रति
बाल कल्याण समिति बांसवाड़ा के अध्यक्ष दिलीप रोकडि़या ने बताया कि उन्हें सीडब्ल्यूसी कोझिकोड के अध्यक्ष व सदस्यों की ओर से जारी आदेश की प्रति प्राप्त हुई है। इसमें जिला बाल संरक्षण अधिकारी, कोझीकोड को विशेष किशोर पुलिस इकाई व महिला पुलिस अधिकारी के साथ बांसवाड़ा भेजकर सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश करने के लिए कहा है। साथ ही बच्चियों के पुनर्वास संबंधी कार्रवाई को कहा है। पत्र के अनुसार 12 बच्चियों में एक मध्यप्रदेश की बताई गई है।
बेहतर शिक्षा की उम्मीद में गए
थापड़ा के सुरेश कुमार ने बताया कि क्षेत्र के लोकेश व श्यामलाल पहले यहां पढ़ने आए थे। उनके साथ ही वे अपनी बच्चियों को यहां प्रवेश दिलाने आए थे। उन्होंने बताया कि उनके दस्तावेज लौटाए नहीं गए हैं, किंतु मंगलवार तक बच्चियों को लौटाने की बात कही जा रही है। इधर उक्त दोनो आरोपित अभी रेलवे पुलिस की हिरासत में है।
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