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बांसवाड़ा : परमाणु बिजलीघर के विस्थापितों के लिए अच्छी खबर, पुनर्वास के लिए आवास निर्माण की मंजूरी मिली

locationबांसवाड़ाPublished: Apr 14, 2019 01:22:50 pm

Submitted by:

deendayal sharma

बांसवाड़ा. जिले की छोटी सरवन पंचायत समिति क्षेत्र में परमाणु बिजलीघर की स्थापना के लिए भूमि अवाप्ति के बाद विस्थापित हुए परिवारों के अच्छी खबर है। इनके पुनर्वास के लिए आवास निर्माण की मंजूरी दे दी गई है।

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बांसवाड़ा : परमाणु बिजलीघर के विस्थापितों के लिए अच्छी खबर, पुनर्वास के लिए आवास निर्माण की मंजूरी मिली

बांसवाड़ा. जिले की छोटी सरवन पंचायत समिति क्षेत्र में परमाणु बिजलीघर की स्थापना के लिए भूमि अवाप्ति के बाद विस्थापित हुए परिवारों के अच्छी खबर है। इनके पुनर्वास के लिए आवास निर्माण की मंजूरी दे दी गई है। पहले चरण में 100 आवास बनाना प्रस्तावित है। आवासों का निर्माण संबंधित परिवारों की ओर से सहमति देने और निविदा प्रक्रिया उपरांत होगा।
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बांसवाड़ा में न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन इंडिया लिमिटेड की ओर से स्थापित किए जाने वाले परमाणु बिजलीघर में सात सौ-सात सौ मेगावट की चार यूनिट लगनी है। स्वदेशी तकनीकी से निर्मित होने वाला यह दाबित भारी पानी संयंत्र रहेगा। केंद्र सरकार से स्वीकृत इस महत्वपूर्ण परियोजना के तहत कटुम्बी, रेल, बारी, सजवानिया, आड़ीभीत और खाण्डियादेव में 665 हैक्टेयर भूमि अवाप्त की गई है। इसमें से करीब 60 हैक्टेयर भूमि खाण्डियादेव में टाउनशिप के लिए रखी गई है।
ड्राइंग शीट भी स्वीकृत
हाल ही में जिला कलक्टर ने न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन इंडिया लिमिटेड के मुख्य अभियंता को एक पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि एनपीसीआईएल की ओर से हरियापाड़ा में पुनर्वासन और पुनर्वस्थापन कॉलोनी की ड्राइंग शीट भेजी गई थी। इस ड्राइंग शीट को सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने उचित बताई है। ऐसे में कॉलोनी का निर्माण किया जाए। जानकारी के अनुसार पहले चरण में सौ आवास बनाए जाने प्रस्तावित हैं। इसमें विस्थापित हुए करीब 25 परिवारों ने आवास के लिए सहमति भी दे दी है।
आरएंडआर प्रक्रिया अंतिम चरण में
जिले की इस महत्वपूर्ण परियोजना को लेकर भूमि अधिग्रहण की अधिकांश प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। 95 प्रतिशत लोगों को अवार्ड राशि दी जा चुकी है। आरएंडआर की भी राशि वितरित कर दी है। शेष पांच प्रतिशत बचे लोगों को अवार्ड और आरएंडआर की राशि वितरित करने के बाद राज्य सरकार से भूमि मिलते ही प्लांट लगाने का कार्य शुरू होगा। प्रोजेक्ट को 2022 के अंत या 2023 के आरंभ तक एस्टीमेट किया है और इस अवधि में शिलान्यास होगा। शिलान्यास के बाद छह साल में बिजलीघर का निर्माण पूर्ण कर उत्पादन शुरू करना प्रस्तावित है। हर यूनिट में एक-एक साल का अंतर रहेगा।
आंकड़ों पर नजर
2012 में सरकार से मंजूरी
40 हजार करोड़ की प्रस्तावित लागत
665 हैक्टेयर भूमि अवाप्त
2022 के अंत तक प्रोजेक्ट की शुरुआत
700 मेगावाट की चार यूनिट होगी स्थापित

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