script14 हजार किमी की पदयात्रा पर निकले गो सेवक मोहम्मद फैज खान पहुंचे बांसवाड़ा, बोले- ‘गोवंश की सेवा और रक्षा करना ही लक्ष्य’ | Gou Sevak Mohamed Faiz khan in Banswara | Patrika News

14 हजार किमी की पदयात्रा पर निकले गो सेवक मोहम्मद फैज खान पहुंचे बांसवाड़ा, बोले- ‘गोवंश की सेवा और रक्षा करना ही लक्ष्य’

locationबांसवाड़ाPublished: Sep 12, 2019 09:23:23 am

Submitted by:

Varun Bhatt

– Gou Sevak Faiz khan in Banswara
– इस लोक या परलोक में स्वर्ग चाहिए तो करें गो सेवा

बांसवाड़ा. टीम के साथ मो. फैज खान।

बांसवाड़ा. टीम के साथ मो. फैज खान।

बांसवाड़ा. गाय ही स्वर्ग की सीढ़ी है। इस लोक या परलोक में स्वर्ग चाहिए तो गाय की पूंछ पकडऩी ही होगी। इसका उल्लेख वेदों में भी है। यह बात बुधवार को डूंगरपुर रोड स्थित एक होटल में पत्रिका से बातचीत में गोसेवा प्रकोष्ठ मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मो. फैज खान ने कही। मो. फैज खान ने कहा कि गाय का भारत में ही नहीं पूरे विश्व में बड़ा महत्व है। रायपुर छत्तीसगढ़ के 39 वर्षीय मो. फैज का कहना है कि नेक कार्य में संघर्ष तो काफी झेलना पड़ता है, पर आखिर में सफलता उसी को मिलती है। गोसेवा का मन में भाव जागने के बारे में बताया कि इसके पीछे ‘एक गाय की आत्मा’ उपन्याय है। जिसका नायक भी एक मुस्लिम ही है। वो गोसेवा करता है। जिससे प्रभावित हुए और प्रेरणा मिली। इसके अलावा उनके माता-पिता, स्कूली शिक्षा व साधु-संतों से भी प्रेरित हुए। खान ने बताया कि उनके माता-पिता शिक्षक रहे हैं। परिवार भी भरा-पूरा है। दो भाई है। उन्होंने निकाह नहीं किया। वे स्वयं राजनीतिक, हिन्दी विषय में डबल एमए है। एमफिल भी किया हुआ है तथा दो साल तक सूरपुर छत्तीसगढ़ में एक कॉलेज में दो साल तक लेक्चरशिप में रहे।
27 माह से कर रहे पदयात्रा
मो. फैज ने बताया कि वे 27 माह से पैदल यात्रा कर रहे हैं। गोसेवा सद्भावना पदयात्रा लेह-कन्याकुमारी-अमृतसर दो चरणों में पूरी की जाएगी, जो कि 14000 किमी है। इसमें तीन वर्ष लगेंगे। यात्रा 24 जून 2017 को लेह लद्दाख से शुरू की गई थी। अब तक वे एक हजार बड़े शहरों से होते हुए यात्रा कर चुके है। खान ने खुशी जताते हुए कहा कि यात्रा की शुरुआत के दौरा कश्मीर में अनुच्छेद 370 था, लेकिन जब वे यात्रा पूरी कर लद्दाक पहुंचेंगे तो वहां पर विभेदकारी कानून का अंत मिलेगा। वहां से इसे हटा देने से हर कोई खुश है। लोगों को रोजगार मिलेगा तो कश्मीर के सेब, केसर, कम्बल, शॉल आदि देश के कोने-कोने में आसानी से पहुंच सकेंगे।
10 सालों से बचा रहे गायों की जान, सांपों को पकडकऱ दे रहे जीवनदान, मौजमस्ती की बजाय बेजुबानों की मदद कर रहे युवा

यह है उद्देश्य
खान ने यात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि भारत में गोवंश की सेवा, संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रेरित करना, गो आधारित कृषि को प्रोत्साहित करना, गाय के नाम पर फैलाए गए वैमनस्य को दूर कर सद्भावना स्थापित करना, देशी गोवंश का पर्यावरण, समाज, स्वास्थ्य एवं प्रकृति में महत्व को जन-जन तक पहुंचाना, गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए कानून बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों को जागृत करना, नदी संरक्षण, पौधरोपण, स्वच्छता एवं कन्याभू्रण हत्या व नारी की गरिमा के लिए जागरूक करना, अखण्ड भारत निर्माण व पुन: भारत के प्राचीन वैभव को स्थापित कर विश्वगुरु का दर्जा दिलाने का प्रयास आदि रहा है। यात्रा का दूसरा चरण कन्याकुमारी से अमृतसर के लिए जारी है। इसी क्रम में बांसवाड़ा तक आ पहुंचे। यहां तीन दिन तक यात्रा रहेगी।
बांसवाड़ा में आध्यात्मिक तरंगे
मो. फैज ने कहा कि बांसवाड़ा में आकर उन्हें अद्वितीय सुकून मिला है। यहां ऐसी आध्यात्मिक तरंगे हैं, जो कि विश्व का आध्यात्मिक केन्द्र है। यहां सभी वर्ग ने उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान सबसे अधिक धार्मिक है और इसमें भी बांसवाड़ा राजस्थान का नगीना है। यह धर्म प्रभावना का केन्द्र है। उन्होंने कहा कि मैं हिन्दुस्तान मुस्लमान हूं। मेरा सर इबादत के लिए काबा की तरफ झुकता है, पर सर केटगा तो सिर्फ हिन्दुस्तान के लिए।


loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो