शिक्षा की बदलती तस्वीर देखना हो तो बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ स्थित मामा बालेश्वर दयाल राजकीय महाविद्यालय में चले जाएं। जिस इलाके में महिला शिक्षा औंधे मुंह गिरी हुई थी वहीं अब छात्राएं पढ़ाई के मामले में छात्रों से भी आगे हैं। कॉलेज में वर्तमान में कुल 1982 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इनमें छात्राओं की संख्या 1115 है तो छात्र संख्या 867 है। इससे स्पष्ट है कि जनजाति अंचल व निवासरत जनजाति व अन्य वर्गों में महिला शिक्षा के प्रति जागरुकता आई है और लड़कियों को भी उच्च शिक्षा के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। बदलती तस्वीर का एक और उजला पक्ष है छात्रसंघ चुनाव मे छात्राओं की भागीदारी और उसमें भी अध्यक्ष पद पर छात्रा का काबिज होना। गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार के तहत बांसवाड़ा, डंूगरपुर एवं प्रतापगढ़ में से सबसे कम कॉलेज प्रतापगढ़ जिले में हैं। यहां निजी महाविद्यालयों की कुल संख्या महज 8 ही है।
सरकारी की आदिवासी इलाकों के उत्थान पर खास ध्यान
शिक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता
ढेरों सरकारी योजनाओं के तहत आर्थिक मदद, छात्रवृत्ति मिलना
आवासीय छात्रावासों की सुविधाएं विकसित होना
राजनीतिक दृष्टि से अहमियत पाना
आरक्षण के कारण आगे आने का मौका मिलना
नौकरियों में प्रतिनिधित्व बढऩे के साथ परिवारों मेंं शिक्षा का समावेश बढ़ा।