चूण्डावत के अनुसार सोमवार को उदयपुर से झारखंड के डाल्टनगंज के लिए ट्रेन है। बांसवाड़ा से 110 लोगों ने सहमति दी है। सभी लोगों को सुबह साढ़े चार बजे बुलाया है। उनके टिकट तैयार हैं। सभी को साढ़े पांच बजे तक रोडवेज बस से उदयपुर भेजेंगे। उन्हें भोजन, पानी आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अतिरिक्त कुशलगढ़ व बागीदौरा में झारखंड के 15-20 लोग हैं, उनकी भी सूची मिल गई है। उन्हें प्रतिभावान छात्रावास में रुकवाया है।
सुबह लोगों को यूपी भेजे जाने की जानकारी के बाद विभिन्न कारखानों व मिलों में कार्यरत लोग परिवार सहित घर जाने के लिए निकले। सभी नया बस स्टैंड पहुंचे। इन लोगों को कंपनी के अधिकारियों ने भी समझाया, लेकिन वे नहीं माने। सूचना पर उपखंड अधिकारी पहुंचे और लोगों से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि जो लोग जाना चाह रहे थे, उनके पास खुद का मकान है, क्वार्टर है। खाद्यान्न आदि है। यह लोग शेल्टर होम में आने को भी तैयार नहीं है। बाद में बसों की व्यवस्था कर मध्यप्रदेश में समीपवर्ती रेलवे स्टेशन के लिए रवाना किया।
बीटीएम में काम करने वाले अशोक कुमार और कैलाश यादव ने कहा कि दो तारीख को एप्लीकेशन दी थी। वे यूपी के बनारस व गाजीपुर रहते हैं। घर जाना अच्छा लग रहा है। परिवार के साथ रहेंगे तो तकलीफ से दूर हो जाएंगे। एक महिला रीनू ने कहा कि यहां परिवार के साथ एक साल से रह रही थी। घर जा रहे हैं तो अच्छा लग रहा है।
सुबह बस रवानगी से पहले दो लोगों के नहीं पहुंचने पर कॉल किया तो बताया कि मकान मालिक किराया दिए बिना जाने नहीं दे रहा है। इस पर श्रमिकों के कमरे पर पुलिसकर्मी भेजे। नवीन गिरी ने बताया कि मकान मालिक ने रोक लिया था कि किराया देकर जाओ। वहीं पूछताछ में मकान मालिक ने कहा कि किरायेदार का सामान यहीं पड़ा है। वे तो परचूनी वाले की राशि का भुगतान करने की बात कह रहे थे।