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बांसवाड़ा : याद आई जन्मभूमि तो छोड़ दी कर्मभूमि, सुविधाओं के बावजूद घरों के लिए रवाना हुए लोग, देखें वीडियो…

locationबांसवाड़ाPublished: May 18, 2020 05:31:54 pm

Coronavirus Lockdown, Coronavirus Latest Updates : उत्तरप्रदेश-बिहार के लिए 117 लोग हुए रवाना, रोडवेज बसों की व्यवस्था कर भेजा

बांसवाड़ा : याद आई जन्मभूमि तो छोड़ दी कर्मभूमि, सुविधाओं के बावजूद घरों के लिए रवाना हुए लोग, देखें वीडियो...

बांसवाड़ा : याद आई जन्मभूमि तो छोड़ दी कर्मभूमि, सुविधाओं के बावजूद घरों के लिए रवाना हुए लोग, देखें वीडियो…


बांसवाड़ा. लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजने के लिए राज्य सरकार के निर्देशों के अनुरूप रविवार को 117 लोग अपनी कर्मभूमि छोड़ जन्मभूमि के लिए रवाना हुए। इन लोगों को बसों से उदयपुर रवाना किया गया। यह लोग उदयपुर से ट्रेन से अपने गृह राज्य व गृह जिले में पहुंचेंगे। सभी उत्तरप्रदेश व बिहार के थे। सोमवार को झारखंड के लोगों की रवानगी कराई जाएगी। रविवार सुबह कुशलबाग मैदान में गृह राज्य जाने वाले इच्छुक श्रमिक व अन्य लोग एकत्र हुए। इनमें 68 लोग उत्तर प्रदेश के थे। इन लोगों को सत्यापन के बाद ट्रेन टिकट दिया गया। इसके बाद भोजन पैकेट्स, पानी की बोतल, मास्क आदि देकर उदयपुर रवाना किया। इनके साथ बांसवाड़ा तहसीलदार भी रहे। बताया गया कि पहले 96 लोगों ने जाने के लिए पंजीयन कराया था, लेकिन सुबह 68 लोग ही पहुंचे। इस पर चार की जगह दो बसों में ही उन्हें रवाना किया गया। उपखंड अधिकारी पर्वतसिंह चूण्डावत ने बताया कि रविवार को बांसवाड़ा उपखंड के 68, घाटोल से 33, गढ़ी व बागीदौरा से आठ-आठ लोग रवाना हुए।
आज झारखंडवासियों की रवानगी
चूण्डावत के अनुसार सोमवार को उदयपुर से झारखंड के डाल्टनगंज के लिए ट्रेन है। बांसवाड़ा से 110 लोगों ने सहमति दी है। सभी लोगों को सुबह साढ़े चार बजे बुलाया है। उनके टिकट तैयार हैं। सभी को साढ़े पांच बजे तक रोडवेज बस से उदयपुर भेजेंगे। उन्हें भोजन, पानी आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अतिरिक्त कुशलगढ़ व बागीदौरा में झारखंड के 15-20 लोग हैं, उनकी भी सूची मिल गई है। उन्हें प्रतिभावान छात्रावास में रुकवाया है।
सब सुविधा, फिर भी जाने को अड़े
सुबह लोगों को यूपी भेजे जाने की जानकारी के बाद विभिन्न कारखानों व मिलों में कार्यरत लोग परिवार सहित घर जाने के लिए निकले। सभी नया बस स्टैंड पहुंचे। इन लोगों को कंपनी के अधिकारियों ने भी समझाया, लेकिन वे नहीं माने। सूचना पर उपखंड अधिकारी पहुंचे और लोगों से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि जो लोग जाना चाह रहे थे, उनके पास खुद का मकान है, क्वार्टर है। खाद्यान्न आदि है। यह लोग शेल्टर होम में आने को भी तैयार नहीं है। बाद में बसों की व्यवस्था कर मध्यप्रदेश में समीपवर्ती रेलवे स्टेशन के लिए रवाना किया।
यह बोले श्रमिक
बीटीएम में काम करने वाले अशोक कुमार और कैलाश यादव ने कहा कि दो तारीख को एप्लीकेशन दी थी। वे यूपी के बनारस व गाजीपुर रहते हैं। घर जाना अच्छा लग रहा है। परिवार के साथ रहेंगे तो तकलीफ से दूर हो जाएंगे। एक महिला रीनू ने कहा कि यहां परिवार के साथ एक साल से रह रही थी। घर जा रहे हैं तो अच्छा लग रहा है।
मकान मालिक ने रोका
सुबह बस रवानगी से पहले दो लोगों के नहीं पहुंचने पर कॉल किया तो बताया कि मकान मालिक किराया दिए बिना जाने नहीं दे रहा है। इस पर श्रमिकों के कमरे पर पुलिसकर्मी भेजे। नवीन गिरी ने बताया कि मकान मालिक ने रोक लिया था कि किराया देकर जाओ। वहीं पूछताछ में मकान मालिक ने कहा कि किरायेदार का सामान यहीं पड़ा है। वे तो परचूनी वाले की राशि का भुगतान करने की बात कह रहे थे।
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