बांसवाड़ा

बांसवाड़ा : तीन साल से नियमित श्रमदान ने बदल दी स्कूल की तस्वीर, पथरीली भूमि पर बना दी ‘संजीवनी वाटिका’

बांसवाड़ा जिले के हरेंगजी का खेड़ा के बालिका आवासीय विद्यालय में संस्थाप्रधान, शिक्षक व छात्राओं की मेहनत का परिणाम

बांसवाड़ाMay 15, 2019 / 06:22 pm

Varun Bhatt

बांसवाड़ा : तीन साल से नियमित श्रमदान ने बदल दी स्कूल की तस्वीर, पथरीली भूमि पर बना दी ‘संजीवनी वाटिका’

विनोद नायक. घाटोल/बांसवाड़ा. जब एक व्यक्ति पूरे पहाड़ को काटकर आवागमन का मार्ग बना सकता है तो एक से अधिक लोग मिलकर किसी कार्य को पूरा करने की ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसा ही कर दिखाया है जिले के हरेंगजी का खेड़ा में, जहां शिक्षा के साथ प्रकृति संरक्षण के दिए ज्ञान तथा तीन वर्षों में विद्यालय स्टाफ व छात्राओं के श्रमदान ने राजकीय जनजाति बालिका आवासीय विद्यालय की तस्वीर ही बदल दी है। घाटोल उपखण्ड के नरवाली मार्ग पर स्थित हरेंगजी का खेड़ा में जनजाति बालिका आवासीय विद्यालय भवन करीब 15 बीघा परिसर में फैला है। तीन साल पहले तक विद्यालय एवं करीब पांच से अधिक किमी आसपास का क्षेत्र पूरी तरह पथरीला और बंजर था। यहां स्टाफ व विद्यार्थियों ने तय किया कि नियमित रूप से श्रमदान कर विद्यालय परिसर की भूमि को हरीतिमायुक्त बनाना है। इस विचार को मूर्त रूप दिया और स्टाफ सदस्यों व छात्राओं ने प्रतिदिन एक-एक घंटा श्रमदान करना शुरू कर दिया।
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यूं बदली तस्वीर
संस्थाप्रधान माया सेमसन ने बताया कि प्रतिदिन एक घंटा श्रमदान कर सबसे पहले उबड़-खाबड़ परिसर का समतलीकरण किया गया। इसके बाद एक स्थान तय किया, जिसे संजीवनी वाटिका नाम दिया। इसमें विभिन्न प्रजातियों के पौधे, घास आदि लगाई। समतलीकरण के दौरान निकले पत्थरों को एक के ऊपर एक जमाकर झरने का रूप दिया और परिसर को प्राकृतिक स्वरूप प्रदान करते हुए प्रकृति व पर्यावरण के संरक्षण का संदेश दिया।
100 से अधिक किस्म के पौधे
संस्थाप्रधान ने बताया कि परिसर में चांदनी एग्जोरा, कदम्ब, फ ाइकस गुलदाउदी, नोलिना, छुईमुई, गोल्डन साइप्रस, फ ाइकस, पलाश, जीरा, हेज, रियो, पुदीना, गुग्गल, आंवला, अश्वगंधा, अंगूर, अजवाइन, पत्थरचट्टा, सेवंती सहित करीब 100 से अधिक किस्म के पौधे लगाए हैं। नियमित रूप से इनकी सिंचाई भी की जा रही है।
…तो और मिलता संबल
विद्यालय में कुछ पद रिक्त हैं। वर्तमान में 210 का नामांकन है। यहां व्याख्याता के पांच, वरिष्ठ अध्यापक के दो, पुस्तकालय अध्यक्ष का एक, कनिष्ठ लिपिक का एक, प्रयोगशाला सहायक के दो सहित कुल 11 पद रिक्त हैं।
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