प्रायोगिक विषय लेकर अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों के सामने संकट गहरा गया है। प्रायोगिक विषय में नियमानुसार स्वयंपाठी के रूप में अध्ययन नहीं किया जा सकता। एेसे विद्यार्थियों के पास कोई विकल्प नहीं होगा। निजी महाविद्यालयों में भी नियमानुसार इन्हें प्रवेश नहीं दिया जा सकता। जबकि, प्रायोगिक विषय नहीं हैं एेसे विद्यार्थी स्वयंपाठी के रूप में आवेदन कर सकेंगे।
शुल्क जमा करवाने की तिथि संबंधित निर्णय आयुक्तालय स्तर से होता है। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से स्थानीय स्तर पर इसमें कोई कार्रवाई व राहत की उम्मीद नहीं है। आयुक्तालय एक बार तिथि बढ़ा चुका है। बार-बार तिथि बढ़ाने से शैक्षिक सत्र प्रभावित होने की आशंका है। एेसे में आयुक्तालय स्तर पर कोई राहत की उम्मीद कम ही जताई जा रही है।