बारिश का पानी स्वास्थ्य केंद्र में, सडक़ किनारे उपलों का ढेर : – मुख्य मार्ग के किनारे विवि ने गांव को गोद लेने का बोर्ड लगा रखा है, उससे महज दस फीट की दूरी पर उप स्वास्थ्य केंद्र है। ग्रामीणों के अनुसार पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। बारिश में सडक़ का पानी सीधे इस केंद्र में घुसता है और इसके चारों ओर फैल जाता है। समीप स्थित लेम्प्स और राजीव गांधी सेवा केंद्र का मार्ग भी कीचड़ से सट जाता है। जानकारी के अनुसार विवि की ओर से अक्टूबर 2017 में उन्नत कृषि तकनीकी शिविर निर्धारित किया था, लेकिन किन्हीं कारणों से उस समय शिविर नहीं हो पाया। इसके बाद लेकर अब तक 26 माह माह बीते, इस शिविर के आयोजन की सुध नहीं ली गई है। स्वच्छता की दृष्टि से यहां कई कमियां नजर आई। सागड़ोद-बड़ोदिया मुख्य मार्ग पर सडक़ के दोनों ओर गोबर के उपलों के ढेर नजर आए। इसके अतिरिक्त कई जगह कंटीले बबूल काटकर इसके ढेर लगे हैं। पेयजल के लिए लोग हैंडपंप व बोरवेल पर निर्भर हैं। समीप में सुरवानिया बांध होने का हवाला देकर कार्ययोजना अनुसार तालाब का निर्माण भी नहीं कराया गया है, जबकि बांध माही परियोजना के अधीन है।
स्कू ल में यह काम, यह तय किए थे बिन्दु, इन कार्यों का दावा : – राजकीय उमावि सागड़ोद में विवि की ओर से 60 हजार रुपए की लागत का शौचालय बनाया है। सात हजार रुपए की लागत से कक्षा पहली से 12वीं के विद्यार्थियों के स्तर की करीब सौ पुस्तकें और दो डस्टबीन दिए हैं, जबकि महती आवश्यकता विद्यालय की चारदीवारी की मरम्मत की है, जिसकी ओर ध्यान नहीं दिया गया है। स्मार्ट विलेज बनाने के लिए रोजगार, पेयजल, विद्युतीकरण व आवास, स्वास्थ्य व स्वच्छता, जल संरक्षण, ई-इनिशिएटिव, शिक्षा, बच्चों का समग्र विकास, कृषि ऋ ण की व्यवस्था, सामाजिक सुरक्षा, नवाचार, सामाजिक उत्तरदायित्व, सडक़ व परिवहन व्यवस्था के बिन्दु तय किए थे। विश्वविद्यालय की ओर से 16 सितंबर 17 को निशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किया व दवाइयों का वितरण किया, जिसमें ढाई सौ लोग लाभान्वित हुए। 22 नवम्बर 17 को कुलपति ने ग्रामीणों से समस्याओं पर चर्चा की। स्कूल में बच्चों को कॅरियर संबंधी जानकारी दी। पुस्तकें वितरण करने, शौचालय व नाली निर्माण का कार्य कराया। 20 सितंबर 18 को कॅरियर गाइडेंस शिविर लगाया, जिसमें 250 बच्चों ने भाग लिया। 22 अगस्त 19 को चंद्रयान-2 पर क्विज सहित अन्य जानकारी विद्यार्थियों को दी गई। 11 सितंबर से 27 अक्टूबर 19 तक स्वच्छता ही सेवा प्रकल्प संचालित किया गया। स्वास्थ्य चर्चा का आयोजन कर आयुर्वेद चिकित्सक के माध्यम से विद्यार्थियों को बीमारियों के लक्षण, बचाव के उपयोग और उपचार संबंधी जानकारी दी गई। मामले में जीजीटीयू के स्मार्ट विलेज प्रभारी डा. एके काकोडिया ने कहा कि गत अगस्त माह में स्मार्ट विलेज के प्रभार मिलने के बाद सागड़ोद में क्विज, स्वच्छता सेवा जैसी गतिविधियां कराई हैं। गांव के समग्र विकास के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।