Video : अधिक तापमान, न्यून प्रदूषण और भौगोलिक संरचना जैसी खूबियों से भरपूर, बांसवाड़ा बन सकता है सौर ऊर्जा का ‘कोहिनूर’ यह किए निर्णय
-स्नातक स्तर पर प्रथम वर्ष में अनिवार्य विषय के रूप में हिन्दी, पर्यावरण तथा द्वितीय वर्ष में अंग्रेजी एवं सामान्य अध्ययन तीन एच्छिक विषयों के दो-दो प्रश्न पत्रों का अध्ययन। प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में पूर्णांक 800-800 अंक का तथा तृतीय वर्ष में 600 अंक का। कुल पूर्णांक स्नातक स्तर पर 2200 रहेगा।
-विश्वविद्यालय अध्ययन बोर्ड की अनुशंसा पर स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, भूगोल, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, इतिहास एवं अर्थशास्त्र का पाठ्यक्रम प्रतियोगी परीक्षाओं एवं स्थानीय परिवेश के अनुरूप। वाणिज्य स्नातक एवं स्नातकोत्तर के भी नवीन पाठ्यक्रम का निर्धारण।
– वाणिज्य एवं कला संकाय के सभी स्नातकोत्तर विषयों के पूर्णांक को समरूपता देते हुए पूर्वाद्र्ध व उत्तराद्र्ध के 500 अंक कर कुल पूर्णांक 1000 किया गया।
– स्नातक तक विज्ञान वर्ग बीएससी तीनों वर्षोंं में प्रायोगिक परीक्षा के पूर्णांक 75 के स्थान पर 50 करने एवं गणित विषय जिसमें प्रायोगिक नहीं है, उनके प्रथम प्रश्न पत्र को 70 तथा द्वितीय व तृतीय को 65 करते हुए विज्ञान स्नातक बीएससी के पूर्णांक भी कला व वाणिज्य की भांति किया गया।
– स्नातक द्वितीय वर्ष मे आगामी सत्र 2019-20 से अनिवार्य विषय के रूप में एलीमेन्ट्री कम्प्यूटर के स्थान पर सामान्य अध्ययन का प्रश्न पत्रा, जिसके प्राप्तांक प्रतिशत में जोड़े जाएंगे।
– वेद विद्यापीठ के अन्तर्गत एक वर्षीय सनातन वेद विज्ञान पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने का निर्णय। इसमें 12 वीं उत्तीर्ण कोई भी विद्यार्थी प्रवेश ले सकता है। वहीं एक वर्षीय डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेन्ट का पाठ्यक्रम भी प्रारम्भ किया है।
– रिसर्च ओर्डिनेन्स में संशोधन कर शोधार्थियों की पंजीयन तिथि पीएचडी कोर्स वर्क पूर्ण करने की दिनंाक से करने का प्रस्ताव।
-स्नातक स्तर पर प्रथम वर्ष में अनिवार्य विषय के रूप में हिन्दी, पर्यावरण तथा द्वितीय वर्ष में अंग्रेजी एवं सामान्य अध्ययन तीन एच्छिक विषयों के दो-दो प्रश्न पत्रों का अध्ययन। प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में पूर्णांक 800-800 अंक का तथा तृतीय वर्ष में 600 अंक का। कुल पूर्णांक स्नातक स्तर पर 2200 रहेगा।
-विश्वविद्यालय अध्ययन बोर्ड की अनुशंसा पर स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, भूगोल, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, इतिहास एवं अर्थशास्त्र का पाठ्यक्रम प्रतियोगी परीक्षाओं एवं स्थानीय परिवेश के अनुरूप। वाणिज्य स्नातक एवं स्नातकोत्तर के भी नवीन पाठ्यक्रम का निर्धारण।
– वाणिज्य एवं कला संकाय के सभी स्नातकोत्तर विषयों के पूर्णांक को समरूपता देते हुए पूर्वाद्र्ध व उत्तराद्र्ध के 500 अंक कर कुल पूर्णांक 1000 किया गया।
– स्नातक तक विज्ञान वर्ग बीएससी तीनों वर्षोंं में प्रायोगिक परीक्षा के पूर्णांक 75 के स्थान पर 50 करने एवं गणित विषय जिसमें प्रायोगिक नहीं है, उनके प्रथम प्रश्न पत्र को 70 तथा द्वितीय व तृतीय को 65 करते हुए विज्ञान स्नातक बीएससी के पूर्णांक भी कला व वाणिज्य की भांति किया गया।
– स्नातक द्वितीय वर्ष मे आगामी सत्र 2019-20 से अनिवार्य विषय के रूप में एलीमेन्ट्री कम्प्यूटर के स्थान पर सामान्य अध्ययन का प्रश्न पत्रा, जिसके प्राप्तांक प्रतिशत में जोड़े जाएंगे।
– वेद विद्यापीठ के अन्तर्गत एक वर्षीय सनातन वेद विज्ञान पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने का निर्णय। इसमें 12 वीं उत्तीर्ण कोई भी विद्यार्थी प्रवेश ले सकता है। वहीं एक वर्षीय डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेन्ट का पाठ्यक्रम भी प्रारम्भ किया है।
– रिसर्च ओर्डिनेन्स में संशोधन कर शोधार्थियों की पंजीयन तिथि पीएचडी कोर्स वर्क पूर्ण करने की दिनंाक से करने का प्रस्ताव।