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कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल यात्रा पर निकला ‘ग्रीनमैन’ पहुंचा बांसवाड़ा, 24 हजार किमी यात्रा कर देंगे पर्यावरण संरक्षण का संदेश

locationबांसवाड़ाPublished: Sep 04, 2019 03:08:20 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल यात्रा पर निकला ग्रीनमैन पहुंचा बांसवाड़ा, 24 हजार किमी यात्रा कर देंगे पर्यावरण संरक्षण का संदेश

कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल यात्रा पर निकला 'ग्रीनमैन' पहुंचा बांसवाड़ा, 24 हजार किमी यात्रा कर देंगे पर्यावरण संरक्षण का संदेश

कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल यात्रा पर निकला ‘ग्रीनमैन’ पहुंचा बांसवाड़ा, 24 हजार किमी यात्रा कर देंगे पर्यावरण संरक्षण का संदेश

बांसवाड़ा. पिछले छह माह से पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता के लिए साइकिल पर यात्रा करते हुए ग्रीनमैन मंगलवार को बांसवाड़ा पहुंचा। गत 27 जनवरी को जम्मू एयरपोर्ट से साइकिल यात्रा की शुरुआत की थी और अब तक हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश से बांसवाड़ा होते हुए अब मंगलवार शाम को गुजरात की सीमा में प्रवेश किया। यह यात्रा कन्याकुमारी में खत्म होगी। जी हां, अब तक 24 हजार किमी की साइकिल से यात्रा करने वाले ग्रीन मैन लंगेरा, कोजानियो की ढाणी जिला बाड़मेर निवासी नरपत सिंह हैं। इनका नाम ग्रीनमैन इसलिए पड़ा कि जहां पर भी इनकी यात्रा गुजरती है, वहां पर ये लोगों को जागरूक करते हुए पौधे लगाने की अपील करते हैं। साथ ही तुलसी के छोटे छोटे पौधे देकर लोगों को प्रोत्साहित करते है। जब पौधे खत्म हो जाते हैं तो जहां पर भी उनकी यात्रा होती है, वहीं से ही पौधे ले लेते हैं। साइकिलिस्ट नरपतसिंह ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य यही है कि पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरुकता आए, आम लोगों को शिक्षा से जोड़े। इस अभियान को शिप्परबड़ी राइड फॉर चेंज साइकिल अभियान दिया है।
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कॉलेज के दिनों में दुर्घटना हुई, पैर पूरा मुड़ता तक नहीं
नरपतसिंह ने बताया कि कॉलेज के दिनों में ऑटो से टकरा गए थे और इस हादसे में घुटने के ऊपर ऑटो का पहिया आ गया था। इस कारण घुटने की सर्जरी हुई और 22 टांके आए थे। अभी भी घुटना पूरी तरह से मुड़ता नहीं है। लेकिन इसके बावजूद संकल्प लिया और इसे पूरा करने के लिए वह आधुनिक साइकिल के माध्यम से यात्रा पर निकले है। नरपत सिंह बताते है कि स्कूल के दिनों में शिक्षक एक चॉकलेट के बहाने पौधा लगवाते थे। इसी लालसा ने उन्हें पर्यावरण प्रेमी बना दिया। नरपत सिंह ने छह वर्ष पहले अपनी बहन की शादी में दहेज और गिफ्ट के तौर पर 251 पौधे दिए थे। अब तक छह वर्षों में 83 हजार पौधे लगा चुके हंै। वहीं वन्य जीवों का शिकार करने वाले कई लोगों को पकड़वाया है।
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