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Guru Purnima 2019 : गुरु आश्रमों में चरण वंदन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़, गुरु दर्शन और आशीष पाकर धन्य हुए अनुयायी

locationबांसवाड़ाPublished: Jul 16, 2019 12:54:50 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Guru Purnima 2019 : जिलेभर में मंदिरो-मठों और आश्रमों में पहुंचे श्रद्धालु, गुरु का वंदन और अभिनंदन कर पाया आशीर्वाद

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Guru Purnima 2019 : गुरु आश्रमों में चरण वंदन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़, गुरु दर्शन और आशीष पाकर धन्य हुए अनुयायी

बांसवाड़ा. गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व गुरु के नमन और वंदन का अवसर है। मंगलवार को जिलेभर के मंदिर-मठों और गुरु आश्रमों में विविध धार्मिक आयोजन शुरू हो गए। जहां भक्त गुरु महिमा की सरिता में श्रद्धा के गोते लगाते दिखाई दिए। सूर्योदय के संग ही गुरु की आराधना प्रारंभ हुई जो जो दोपहर बाद तक जारी रही। गुरुपूर्णिमा पर जानामेड़ी स्थित रविंद्र ध्यान आश्रम में बड़ी संख्या में भक्त ध्यान योगी उत्तम स्वामी महाराज के दर्शन पाने पहुंचे। यहां श्रद्धालुओं ने गुरु महिमा के गान के साथ पादूका पूजन किया।
गुरुपूर्णिमा पर लालीवाव मठ में हरिओमदास महाराज, मानस भवन वनेश्वर में विश्वंभरदास फलाहरी महाराज, बड़ा रामद्वारा में संत राम प्रकाश महाराज, गुरु आश्रम छींच में महंत घनश्यामदास, गो आश्रम तलवाड़ा में रघुवीरदास महाराज के गुरु पूजन के लिए सुबह से ही गुरु भक्तों की भीड़ लगी रही। वहीं पृथ्वी क्लब में अवधेशानंद गिरी महाराज और अक्षरधाम सेंटर में श्रीश्री रविशंकर के भक्तों ने आयोजन किए।
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खांदू कॉलोनी स्थित लहेरी आश्रम, अमरदीप नगर स्थित नानक आश्रम में भी कार्यक्रम व महाप्रसादी का आयोजन हुआ। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शहर के रतलाम रोड स्थित शिर्डी साईं मंदिर में भी दर्शनार्थी उमड़े। यहां यज्ञ में पूर्णाहूति के बाद आरती और प्रसादी का वितरण किया गया। समन्वय परिवार ट्रस्ट की ओर से पीपली चौक स्थित रामद्वारा में ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंदगिरी का पादूका पूजन कार्यक्रम शाम पांच बजे होगा।
चंद्र ग्रहण आज : शाम साढ़े चार से सूतक
गुरू पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। चंद्र ग्रहण के कारण गुरूभक्त देर शाम तक पूजन नहीं कर सकेंगे। पूजन का योग शाम साढ़े चार बजे तक ही हैं। ग्रहण का सूतक मंगलवार शाम 4 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा। इससे पहले ही गुरू पूर्णिमा से संबंधित कार्य कर लेना शुभ होगा। इसी पूर्णिमा पर महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। तब से गुरू पूर्णिमा का आयोजन हो रहा है।

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