बरसात से डूंगरपुर का बेणेश्वर धाम एक बार फिर टापू बन गया। जल संगम के तीनों पुल डूब गए। चार से आठ फीट पानी की चादर चलने से साबला, वलाई, गनोड़ा मार्ग बंद हो गया, जिससे पूर्णतया आवाजाही बंद रही। बेणेश्वर के टापू में तब्दील होने से दर्शनार्थियों सहित स्थानीय करीब 50 लोग फंस गए। हालांकि ये सभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
नदी नाले उफान पर आने से घाटोल पालोदा और गनोड़ा क्षेत्र में आधा दर्जन से ज्यादा मार्ग अवरुद्ध हो गए और कई गांवों का संपर्क कट गया। लोगों के रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित हुए। गनोड़ा में कई जगह घरों में पानी भर गया। मोटाटाण्डा में बरमा नायक, लसाड़ा गांव के बडली फला में नानू पुत्र जीवा अंगारी का कवेलूपोश मकान ढह गया।
बांसवाड़ा शहर में सोमवार रात शुरू हुआ वर्षा का दौर बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। हालांकि वर्षा का जोर मंगलवार के मुकाबले कमजोर रहा। बीती पूरी रात वर्षा की झड़ी के बाद बुधवार को भी सुबह से ही वर्षा का दौर चला। शाम तक रुक रुक कर हल्की से मध्यम वर्षा होती रही। शहर में गुजरने वाली कागदी नदी इस मानसून में पहली बार प्रवाहमान हुई हालांकि पानी साफ करने की दृष्टि से पूर्व में कागदी के दो गेट खोलने से जरूर एक बार पानी का बहाव आया था।
भारी बारिश से कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति तंत्र गड़बड़ा गया और लोगों को रात अंधेरे में बितानी पड़ी। लसाड़ा पाल पर बिजली के खंभे झुक जाने से लसाड़ा गांव में सौ घरों की बस्ती अंधेरे में डूब गई। इके अलावा कई अन्य इलाको में भी बिजली आपूर्ति में व्यवधान आया।