बांसवाड़ा

155 लाख रुपए खर्च कर बनाएंगे राजकीय स्कूलों में कार्यरत संस्थाप्रधानों और शिक्षकों के ‘परिचय पत्र’

-मॉडल स्कूल व संस्कृत विद्यालयों के शिक्षक रहेंगे वंचित….. बांसवाड़ा. कॉर्पोरेट कंपनियों में अधिकारियों और कार्मिकों की पहचान सुनिश्चित करने की तर्ज पर बनाए जाने वाले पहचान पत्र की तर्ज पर प्रदेश में राजकीय विद्यालयों में कार्यरत संस्थाप्रधानों और शिक्षकों के परिचय पत्र बनाए जाएंगे। प्रारंभिक और माध्यमिक सेटअप में कार्यरत संस्थाप्रधानों और शिक्षकों के परिचय पत्र बनाने पर 155 लाख रुपए खर्च होंगे, लेकिन मॉडल स्कू  ल और राजकीय संस्कृत वि

बांसवाड़ाJan 21, 2020 / 12:00 pm

mradul Kumar purohit

155 लाख रुपए खर्च कर बनाएंगे राजकीय स्कूलों में कार्यरत संस्थाप्रधानों और शिक्षकों के ‘परिचय पत्र’

समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना में ‘प्रोजेक्ट इनोवेशनÓ के अन्तर्गत राजकीय विद्यालयों में कार्यरत संस्थाप्रधानों व शिक्षकों के परिचय पत्र बनाने के लिए बजट का प्रावधान रखा है। इसी अनुरूप यह परिचय पत्र बनाए जांएगे। प्रारंभिक सेटअप के शिक्षकों के लिए 103.077 लाख तथा माध्यमिक सेटअप के शिक्षकों के लिए 51.973 लाख रुपए सहित कुल 155.050 लाख रुपए व्यय किए जाएंगे। एक परिचय पत्र पर अधिकतम 30 रुपए व्यय किए जा सकेंगे। यह परिचय पत्र जिला कार्यालय की ओर से तैयार कर दिए जाएंगे और इन पर जिला परियोजना समन्वयक के हस्ताक्षर होंगे। प्राप्त और व्यय राशि का इंद्राज विद्यालय की रोकड़ बही में भी करना होगा।यह रहेगा प्रारूपपरिचय पत्र का प्रारूप भी निर्धारित कर दिया गया है। इसके अन्तर्गत मुख्य पृष्ठ पर संस्थाप्रधान/शिक्षक की रंगीन फोटो, नाम, पद, जन्मतिथि, विद्यालय का नाम, जिला, ब्लॉक, गांव व यू-डाइस कोड अंकित किया जाएगा। नीचे परिचय पत्र जारी करने वाले अधिकारी का नाम व पद का अंकन होगा। पृष्ठ भाग में कार्मिक के पिता/पति का नाम, राजकीय सेवा में प्रथम नियुक्ति तिथि, कार्मिक की आईडी, ब्लड गु्रप, मोबाइल नंबर और घर का स्थाई पता अंकित किया जाएगा। यह विवरण संस्थाप्रधान से प्रमाणीकरण के बाद ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी जिला कार्यालय को भेजेंगे। स्थानांतरण, सेवानिवृत्ति और सेवा परित्याग की स्थिति में परिचय पत्र संस्थाप्रधान को जमा कराना होगा। परिचय पत्र मुद्रण से पहले जिले में कार्यरत शिक्षकों की संख्या शालादर्पण पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।यह रहेंगे वंचितपरिचय पत्र से स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कू ल तथा संस्कृत शिक्षा के अधीन संचालित विद्यालयों के संस्थाप्रधान व शिक्षक वंचित रहेंगे। इसके अतिरिक्त जिन संस्थाप्रधान व शिक्षक की सेवानिवृत्ति की अवधि एक वर्ष से कम है, उनके परिचय पत्र नहीं बनेंगे। साथ ही राजकीय कार्यालयों में कार्यरत व प्रतिनियुक्ति पर अन्यत्र कार्यरत शिक्षकों व मंत्रालयिक कर्मचारियों के परिचय पत्र आवंटित राशि से नहीं बनेंगे।
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