विभागीय सूत्रों के अनुसार आमतौर पर लोग अपने घर और आस पास में डेंगू और मलेरिया को फैलाने वाले मच्छरों के अनुकूल वातावरण जैसे, घर की छत में कबाड़, टायर, टूटे फूटे बर्तन, टायर आदि छोड़ देते है, बारिश के दिनों में इन पात्रों में पानी भर जाता है, जहां पर डेंगू और मलेरिया को फैलाने वाले मच्छर पनपते है, जो आस पास के रहने वाले लोगों के लिए बीमारी की वजह बन जाते हंै।
निजी चिकित्सालय में अगर कोई डेंगू मलेरिया या फिर वैक्टर वार्न डिजिज का रोगी आता है, तो रोगियों की सूचना सरएमएचओ कार्यालय में देना जरूरी होगा। यदि कोई निजी चिकित्सालय रोगियों की सूचना नहीं देता है, तो उस चिकित्सालय के खिलाफ भी जुर्माना लगाया जाएगा।
आमजन को मच्छरजनित बिमारयों के प्रति जागरूक करने और रोकथाम के लिए यह निर्णय ेिया गया है। इसके लिए विभाग की टीमों के द्वारा सर्वे कराया जाएगा। जिसको लेकर तैयारी की जा रही है।
डॉ. एचएल ताबियार, सीएमएचओ, बांसवाड़ा