scriptगुजरात और मध्यप्रदेश में अवैध शराब पहुंचाने का पसंदीदा रूट बनता जा रहा बांसवाड़ा, मिलीभगत की भी आशंका | Illegal liquor is being smuggled from Banswara in Gujarat and MP | Patrika News

गुजरात और मध्यप्रदेश में अवैध शराब पहुंचाने का पसंदीदा रूट बनता जा रहा बांसवाड़ा, मिलीभगत की भी आशंका

locationबांसवाड़ाPublished: Dec 19, 2019 03:40:41 pm

Submitted by:

deendayal sharma

Smuggling of liquor in rajasthan : लंबे समय से पहुंच रही हरियाणा निर्मित प्रतिबंधित शराब, पिछले दिनों पुलिस ने की कई कार्रवाईयां

गुजरात और मध्यप्रदेश में अवैध शराब पहुंचाने का पसंदीदा रूट बनता जा रहा बांसवाड़ा, मिलीभगत की भी आशंका

गुजरात और मध्यप्रदेश में अवैध शराब पहुंचाने का पसंदीदा रूट बनता जा रहा बांसवाड़ा, मिलीभगत की भी आशंका


बांसवाड़ा. गुजरात और मध्यप्रदेश की सीमा से सटा बांसवाड़ा जिला एक बार फिर शराब तस्करों का पसंदीदा रूट बनता जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गा संख्या आठ पर डूंगरपुर जिले से शराब की गुजरात तस्करी पर पुलिस की सख्ती के चलते तस्कर अब अंदरूनी मार्ग से बांसवाड़ा पहुंचकर यहां से बोर्डर पर करने की जुगत में रहते है। पिछले कुछ समय से जिले में बरामद हुई अधिकांश शराब हरियाणा निर्मित पाई गई, जो राजस्थान में विक्रय के लिए प्रतिबंधित है। पूर्व में भी बड़ी मात्रा में अवैध शराब पकड़ी जा चुकी है। हालांकि बीच में इस तरह की कार्रवाईयों में कमी आई थी, लेकिन अब एक बार फिर लंबे समय से अवैध शराब की खेप बांसवाड़ा पहुंच रही है। सीमावर्ती थानों पर कड़ी चौकसी के दावों के बावजूद तस्कर कई थानाओं की सीमाएं पार कर पहुंच रहे है। इससे पुलिस और आबकारी विभाग के निगरानी तंत्र पर भी सवाल उठना लाजमी है। बीते दिनों निकाय चुनाव से ठीक पूर्व सदर थाना इलाके की लीमथान चौकी के बगल में पुलिस ने एक मकान पर दबिश देकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बरामद की थी। इसके बाद दाहोद रोड पर उसी ब्रांड की शराब से भरी हुई एक कार को जब्त किया था। हरियाणा शराब की अब यह बड़ी खेप दानपुर थाना इलाके के खजूरी पंचायत से जब्त हुई है। इसमें निचले स्तर पर शराब तस्करों से मिलीभगत से नकारा नहीं जा सकता है।
पंचायत चुनाव नजदीक, मिलीभगत की बू : – हरियाणा निर्मित शराब से लदे वाहन सैंकड़ों किमी का सफर तय कर गुजरात के सीमावर्ती जिलों तक पहुंचते है। इस दरम्यान यह कई थाना क्षेत्रों से गुजरते है। इसके बावजूद बमुश्किल 5 से 10 प्रतिशत वाहन पकड़ में आते है। इससे तस्कारों की निचले से लेकर उच्च स्तर तकर मिलीभगत की बू आती है। आगामी माह जनवरी या फरवरी माह में पंचायत चुनाव होने है। ऐसे में इन चुनावों से पूर्व बड़ें पैमाने पर गैस सिलेंडरों का जब्त होना और हरियाणा की शराब का पाया जाना गंभीर विषय है। जानकारों के अनुसार दोनों कक्षों का ताला तक लगाया हुआ था। पंचायत भवन में शराब का भंडारण होने और वहां किसी को इसकी भनक नहीं लगना कई सवाल खड़ें करता है। अगर किसी को भनक होने के बाद भी इसकी सूचना उच्च अधिकारियों तक नहीं पहुंचना भी गंभीर विषय है। हालांकि पुलिस मामले में इलाके के बीडीओ से लेकर ग्राम सेवक व सरपंच से भी गहन पूछताछ करेगी। इसके अलावा विभागीय कार्रवाई भी तय है।
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