बांसवाड़ा

आधी रात को पत्नी का घोंटा गला फिर मौत को लगाया गले, गांव में छाया मातम, नहीं जले चूल्हे

बांसवाड़ा के आनंदपुरी क्षेत्र में काजलिया पंचायत अंतर्गत पारगीपाड़ा गांव में शराबी पति ने नशे में पत्नी की हत्या कर दी और फिर खुद फंदे से लटक गया। मामले की सूचना पर आए मृतका के पीहर पक्ष ने रोष व्यक्त किया।

बांसवाड़ाMay 26, 2023 / 12:02 pm

Akshita Deora

बांसवाड़ा के आनंदपुरी क्षेत्र में काजलिया पंचायत अंतर्गत पारगीपाड़ा गांव में शराबी पति ने नशे में पत्नी की हत्या कर दी और फिर खुद फंदे से लटक गया। मामले की सूचना पर आए मृतका के पीहर पक्ष ने रोष व्यक्त किया। इस पर पुलिस ने समझाइश कर मौका कार्रवाई के बाद आनंदपुरी अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंपे।

 

थानाधिकारी देवीलाल मीणा ने बताया कि 35 वर्षीय मुकेश पुत्र कांतु पारगी और उसकी 30 वर्षीय पत्नी सीता अहमदाबाद में मजदूरी करते थे। तीन दिन पहले वे एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए घर लौटे। गुरुवार सुबह सूचना मिली कि दोनों घर में मृत पड़े हैं। इस पर थाने का पुलिस दल पहुंचा तो सीता खाट पर थी। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि मृतक का पिता कांतु बुधवार को अपनी बेटी के घर सालिया गया हुआ था।

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पीछे बेटा व बहू और दोनों छोटे बच्चे 6 वर्षीय कुलदीप एवं 5 वर्षीय मनोज ही घर पर थे। खाट पर पड़ी सीता के गले मे रस्सी के निशान थे और पीठ के पीछे मारने के निशान थे। घर के दूसरे कमरे में मुकेश बल्ली पर फंदा लगाकर लटका मिला। मौके से प्रतीत हुआ कि मुकेश ने सीता की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। फिर उसी रस्सी से लटककर आत्महत्या की। इत्तला देने पर उदयपुरा बड़ा में सीता के पीहर पक्ष के लोग पहुंचे।

 

हालात देखकर वे उखड़ गए। इससे विवाद की स्थिति पर बनी, लेकिन आरोपी खुद भी मर चुका होने से कुछ नहीं हो पाया। इस बीच, पुलिस ने समझाइश कर ग्रामीणों की मदद से दोनों शवों को निकलवाकर आनंदपुरी अस्पताल भिजवाया। बाद में कांतु की रिपोर्ट पर पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंपे।

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यह बताया बच्चों ने
इससे पहले पूछताछ में बच्चों ने बताया कि बुधवार को दिन में भी पिता शराब पीकर आए। फिर सभी ने साथ खाना खाया। शाम को पिता फिर शराब पीकर आए। इस दौरान वे मां के साथ आंगन में सोए थे। पिता घर के अंदर जाकर सो गए। थोड़ी देर बाद मां गई, तो उनमें झगड़ा हुआ। पिता मुकेश ने मां से मारपीट की और दूसरे कमरे में ले गया। वहां बंद कमरे में फिर बोलचाल हुई।

 

मां की चीखें सुनकर वे डर के मारे सोए रहे। कुछ देर बाद पिता कमरे से बाहर निकले और रस्सी लेकर दूसरे कमरे में चले गए। इसके बाद सब शांत हो गया, तो वे भी सो गए। गुरुवार सुबह उठने पर मां और पिता बाहर नहीं आए, तो वे दोनों आंगन में खेल रहे थे। इसी बीच, दोनों में किसी बात को लेकर बहस हुई। यह देख घर के करीब से गुजरते पड़ोसी ने पूछा कि क्यों झगड़ रहे हो, तुम्हारे माता-पिता कहा है। जब उन्होंने यह कहा कि दोनों घर मे सोए हैं, तो संदेह हुआ। अंदर जाकर देखा तो सीता खाट पर पड़ी थी। उठाने की कोशिश की पर नहीं उठी। फिर दूसरे कमरे में देखने पर मुकेश फंदे से लटका मिला। बाद में उन्होंने पड़ोसियों, पूर्व सरपंच रमेश कटारा एवं जिला प्रमुख रेशम मालवीया को सूचना दी। इन्होंने बताया, तो पुलिस आ गई।

 

पहले भी दादा भरोसे, अब उन्हीं का आसरा
परिजनों के अनुसार सीता और मुकेश गुजरात में मजदूरी करने से बच्चे पहले से दादा के भरोसे ही थे। अब दोनों की मौत से दादा कांतु का ही आसरा रह गया है।

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