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बांसवाड़ा-डूंगरपुर में लगभग 40 हजार बेरोजगार, भत्ते के नाम पर सिर्फ 486 आशार्थियों को मिला लाभ

locationबांसवाड़ाPublished: Jul 18, 2019 05:24:50 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Unemployment Allowance In Rajasthan : बेरोजगारों की कतार में हजारों, डूंगरपुर में 14987 व बांसवाड़ा में 24757 पंजीकृत बेरोजगार

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बांसवाड़ा-डूंगरपुर में लगभग 40 हजार बेरोजगार, भत्ते के नाम पर सिर्फ 486 आशार्थियों को मिला लाभ

बांसवाड़ा. जनजाति बाहुल बांसवाड़ा-डूंगरपुर जिलों में 39 हजार 744 शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से गिनती के बेरोजगारों को ही मुख्यमंत्री युवा संबलन योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता मिला हैं। यह हकीकत विधानसभा में विधायक कालीचरण सराफ की ओर से प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सामने आई हैं। बांसवाड़ा जिले में पंजीकृत 24757 में से 135 बेरोजगारों को दिसंबर 2018 से मई 2019 की अवधि में 18.57 लाख एवं डूंगरपुर जिले में पंजीकृत 14987 बेरोजगारों में से 351 पर 46.24 लाख का बजट खर्च हुआ हैं। पंजीकृत बेरोजगारों की तुलना में लाभांवितों की कम संख्या पर प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया ने भी सवाल खड़े किए। कटारिया ने कहा कि सरकार की ओर से प्रदेश के पंजीकृत बेरोजगारों की जो सूची दी है उसमें आंकड़ा 10 लाख 73 हजार 652 का है। इनमें से जिनको राशि मिली है वो संख्या कम है। कटारिया ने जनजाति क्षेत्र में पंजीकृतों की तुलना में जितने बेरोजगारों को लाभांवित किया है, उसका आंकड़ा रखते हुए पूछा कि केवल इतनों को ही यह राशि क्यों मिली। कटारिया ने शेष अपात्र क्यों हैं, सूची में शामिल क्यों नहीं किए गए एवं आने वाले समय में ये सूची में कब शामिल होंगे इसे लेकर सरकार से जवाब मांगा।
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ये आपके समय की गलतियां
बेरोजगारी भत्ते के मामले में जवाब देते हुए युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री ने कहा कि बांसवाड़ा, उदयपुर में केवल इतने ही बच्चे क्यों आए, यह सवाल आपको पूर्ववर्ती सरकार से करना चाहिए। क्योंकि ये आपके समय की गलतियां हैं। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ये पुरानी सूची है, नई सूची में 29 हजार और जुड़ गए हैं।
पर्यटन स्थल के रूप में हो विकास
विधायक घाटोल निनामा ने कहा कि जनजाति क्षेत्र के बेणेश्वर धाम, गोतमेश्वर धाम, मानगढ़ धाम पर्यटन के लिए सुंदर जगह है। इन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। विधायक ने पौधरोपण का जिक्र करते हुए सरकार के समक्ष मांग रखी कि विधायक कोष को 2 करोड़ से बढ़ाकर पांच करोड़ किया जाए ताकि उसमें से एक-एक करोड़ की राशि पौधरोपण पर खर्च की जा सके।
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पटवारी निजी मकानों में बैठकर कर रहे काम
घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा ने विधानसभा में क्षेत्र के घाटोल, घंदोड़ा व पीपलखूंट 1977-78 में बने पटवार मण्डलों का जिक्र करते हुए कहा कि क्षेत्र में पटवारियों की कमी है। पटवार घर जीर्ण-शीर्ण है। पटवारी रिकार्ड लेकर निजी मकानों व दूसरे भवनों में बैठने को मजबूर हैं। ऐसे में नए पटवार भवनों का निर्माण होना चाहिए। विधायक ने कहा कि जब 1992 में सैटलमेंट का काम किया गया था, उस समय जमीनों के नाप कर काश्तकारों की जमीन में हेराफेरी की गई। मौके पर कोई भी काश्तकार काबिज नहीं है। लोग रिकार्ड सही कराने के लिए रोज चक्कर काट रहे है। ऐसे में इस कार्य के लिए सरकार को विशेष कैंप लगाना चाहिए।
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