बांसवाड़ा

पर्युषण पर्व : अपराधियों को अदालत और पापियों को कर्मों की अदालत सजा देती है- मुनि प्रतीक सागर

Paryushan Parv In Banswara : पर्युषण पर्व अमृत संस्कार प्रवचन

बांसवाड़ाSep 11, 2019 / 03:19 pm

Varun Bhatt

बांसवाड़ा. पर्युषण पर्व के आठवें दिन प्रवचन देते क्रांतिवीर मुनि प्रतीकसागर एवं मौजूद श्रद्धालु।

बांसवाड़ा. अपराधियों को सजा अदालत देती है और पापी को सजा कर्मों की अदालत देती है। संसार की अदालत से बचने की संभावना रहती है, लेकिन कर्मों की सजा अवश्य मिलती है। दुनिया को दिखाकर पाप करने से उसका अंत हो सकता है, लेकिन दान-पुण्य गुप्त रूप से कराना चाहिए। इसके फल से अरिहंत पद की प्राप्ति होती है। यह विचार क्रांतिवीर मुनि प्रतीकसागर ने पर्युषण पर्व के आठवें दिन अमृत संस्कार प्रवचन माला में दिगम्बर जैन मांगलिक भवन बाहुबली कॉलोनी प्रवचन में व्यक्त किए। मुनि ने कहा कि दानी का सम्मान और त्यागी की पूजा देवता भी करते हैं। दान अहंकार के साथ नहीं, त्याग भाव से देना चाहिए। मनुष्य गति चौराहा है, जहां से चारों ओर जा सकते हैं।
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परिग्रह के करण नरक गति में, दूसरों को धोखा देकर तिर्यंच गति में, कषायों को शांत रखकर देव गति में और उत्तम तप कर कर्मो की निर्जरा द्वारा मोक्ष में जा सकते हैं। धर्मसभा के प्रारम्भ में मंगलाचरण संजय एण्ड पार्टी भोपाल ने किया। श्रद्धालुओं ने मुनि के पाद प्रक्षालन किए। शाम को आनन्द यात्रा, आरती का आयोजन हुआ।
पाक्षिक महाश्रवक प्रतिक्रमण कल

मुनि प्रतीकसागर द्वारा पाक्षिक महाश्रवक प्रतिक्रमण महोत्सव 12 सितम्बर अनन्त चौदस को शाम 5 बजे से होगा। जिसमें एक वर्ष में जाने-अनजाने में लगे दोषों की क्षमा मांगी जाएगी। कार्यक्रम में पुरुष सफेद वस्त्रों में तथा महिलाएं केसरिया वस्त्रों में ही प्रवेश कर सकेंगे। 12 वर्ष तक के बच्चों का प्रवेश निषेध रहेगा।

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