यह है आदेश
उपनिवेशन विभाग ने ग्राम पाडला गणेशीलाल में अलग-अलग आराजी नम्बर से कुल 46.12 बीघा भूमि जीजीटीयू, बांसवाड़ा के नाम की है। उक्त भूमि के बदले ग्राम काकनसेजा तहसील बांसवाड़ा के आराजी नं 1472,1473 के रकबे 33.10, 28.16 किस्म जंगल कुल 62.02 बीघा भूमि को प्रत्यावर्तन कर जंगल दर्ज किय जाने की राजकीय स्वीकृति जारी की है। इधर, वेद विद्यापीठ की 25 बीघा भूमि भी विवि के खाते में है।
उपनिवेशन विभाग ने ग्राम पाडला गणेशीलाल में अलग-अलग आराजी नम्बर से कुल 46.12 बीघा भूमि जीजीटीयू, बांसवाड़ा के नाम की है। उक्त भूमि के बदले ग्राम काकनसेजा तहसील बांसवाड़ा के आराजी नं 1472,1473 के रकबे 33.10, 28.16 किस्म जंगल कुल 62.02 बीघा भूमि को प्रत्यावर्तन कर जंगल दर्ज किय जाने की राजकीय स्वीकृति जारी की है। इधर, वेद विद्यापीठ की 25 बीघा भूमि भी विवि के खाते में है।
पत्रिका की खबर के बाद चेते
राजस्थान पत्रिका ने विवि को सिर्फ 75 बीघा जमीन आवंटन को अपर्याप्त बताते हुए समाचार प्रकाशन कर ऐसे निर्णय पर सवाल उठाया तो गोविन्द गुरु विश्वविद्यालय प्रशासन चेता और सार्थक परिणाम सामने आए। उपनिवेशन विभाग, जयपुर के संयुक्त शासन सचिव की ओर से 9 फरवरी को आदेश जारी कर 46.12 बीघा भूमि विश्वविद्यालय के नाम कर दी है।
राजस्थान पत्रिका ने विवि को सिर्फ 75 बीघा जमीन आवंटन को अपर्याप्त बताते हुए समाचार प्रकाशन कर ऐसे निर्णय पर सवाल उठाया तो गोविन्द गुरु विश्वविद्यालय प्रशासन चेता और सार्थक परिणाम सामने आए। उपनिवेशन विभाग, जयपुर के संयुक्त शासन सचिव की ओर से 9 फरवरी को आदेश जारी कर 46.12 बीघा भूमि विश्वविद्यालय के नाम कर दी है।
यह भूमि बांसवाड़ा माहीडेम मार्ग पर बड़वी के निकट पूर्व में आवंटित भूमि से सटी हुई है, जिसके आवंटन के औचित्य पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार ने पूर्व में विवि को नहीं दी गई थी। अब नये आदेश के बाद विवि के खाते में पूर्व में आवंटित 75 बीघा (30 एकड़) सहित कुल 121.12 बीघा भूमि आ चुकी है। अब विश्वविद्यालय की ओर से मास्टर प्लान में आवश्यक बदलाव करवाया जाएगा। भूमि बढऩे से अब विवि का विशाल भवन निर्माण किया जाएगा।