परीक्षा 2 सत्रों में महज 6 घंटे की थी, लेकिन दूसरे संभागों में परीक्षा केंद्र आने के कारण महिलाओं को अपने बच्चों को 2 दिन के लिए घर पर छोडकऱ जाना पड़ा। वहीं राज्य में 1070 केंद्रों पर करीब 1.87 लाख (51.53 प्रतिशत) अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। पहले सत्र में 187884 परीक्षार्थी बैठे तथा दूसरे सत्र में 186987 यानी पहले सत्र से कम अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। कड़े सुरक्षा प्रबंध, आवागमन मुश्किलपरीक्षा के लिए तय नियमावली के तहत परीक्षार्थियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था से गुजरना पड़ा। वहीं अन्य जिलों से आए परीक्षार्थियों को बांसवाड़ा तक आवागमन में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा समाप्ति के बाद अपने घरों तक लौटने के लिए निजी ट्रावेल्स संचालकों को दुगुने दाम में टिकट लेने पर मजबूर होना पड़ा।
माही से महाकाल पदयात्रा पहुंची रतलाम
बांसवाड़ा. ध्यानयोगी उत्तमस्वामी के सान्निध्य में माही से महाकाल पदयात्रा रविवार को रतलाम में पहुंची। 17 अगस्त से जानामेड़ी स्थित रवीन्द्र ध्यान आश्रम से प्रारम्भ हुई पदयात्रा 24 अगस्त को उज्जैन में संपन्न होगी। प्रवक्ता निखिलेश त्रिवेदी ने बताया कि पदयात्रा संयोजक महंत थावरगिरी के नेतृत्व में पदयात्रा का रविवार को रतलाम में गुरुभक्त मण्डल सदस्यों आदि ने स्वागत किया। पदयात्रा सोमवार को सुबह रतलाम से प्रस्थान करेगी और सतरूंडा, बडनग़र और हिंगोरिया होते हुए 24 को महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचेगी जहां पर उत्तम स्वामी की उपस्थिति में शोभायात्रा के साथ महाकाल का महाअभिषेक किया जाएगा। पदयात्रा में मौनी बाबा माही माता, आशापूर्ण महाराज, कांतिलाल व्यास, लालशंकर पारगी, भुवन पण्ड्या सहित बड़ी संख्या में गुरुभक्त भी सम्मिलित हैं। पदयात्रा के साथ वागड़ अंचल के प्रमुख धामों के अंशों को साथ में रखा गया है। इसके तहत मानगढ़ धाम की पवित्र मिट्टी और बेणेश्वर, घोटिया आम्बा, आम्बाझेर, रामकुंड, भीमकुण्ड के साथ माही माता के पवित्र जल से युक्त कलश सम्मिलित किया गया है ।
बांसवाड़ा. ध्यानयोगी उत्तमस्वामी के सान्निध्य में माही से महाकाल पदयात्रा रविवार को रतलाम में पहुंची। 17 अगस्त से जानामेड़ी स्थित रवीन्द्र ध्यान आश्रम से प्रारम्भ हुई पदयात्रा 24 अगस्त को उज्जैन में संपन्न होगी। प्रवक्ता निखिलेश त्रिवेदी ने बताया कि पदयात्रा संयोजक महंत थावरगिरी के नेतृत्व में पदयात्रा का रविवार को रतलाम में गुरुभक्त मण्डल सदस्यों आदि ने स्वागत किया। पदयात्रा सोमवार को सुबह रतलाम से प्रस्थान करेगी और सतरूंडा, बडनग़र और हिंगोरिया होते हुए 24 को महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचेगी जहां पर उत्तम स्वामी की उपस्थिति में शोभायात्रा के साथ महाकाल का महाअभिषेक किया जाएगा। पदयात्रा में मौनी बाबा माही माता, आशापूर्ण महाराज, कांतिलाल व्यास, लालशंकर पारगी, भुवन पण्ड्या सहित बड़ी संख्या में गुरुभक्त भी सम्मिलित हैं। पदयात्रा के साथ वागड़ अंचल के प्रमुख धामों के अंशों को साथ में रखा गया है। इसके तहत मानगढ़ धाम की पवित्र मिट्टी और बेणेश्वर, घोटिया आम्बा, आम्बाझेर, रामकुंड, भीमकुण्ड के साथ माही माता के पवित्र जल से युक्त कलश सम्मिलित किया गया है ।